लखनऊ। मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करने का दावा करने वाले किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन सभी दावे कोरे साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर केजीएमयू प्रशासन दिमागी बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस के इलाज के साथ उन्हें पुनर्वास करने का दावा किया है। इसका निर्देश भी लिंब सेंटर शासन को दिया जा चुका है, लेकिन अब कोविड-19 के मरीजों के इलाज लिंब सेंटर को खाली करने का निर्देश दे दिया है। केजीएमयू प्रशासन ने शासन की योजना का हवाला देते हुए लिंब सेंटर को खाली करने का निर्देश दे दिया है, हालांकि दिव्यांगों के लिए बनी कार्यशाला को नहीं खाली कराया जाएगा, लेकिन दिमागी बुखार व जापानी इंसेफेलाइटिस मरीजों को भर्ती करके उनका इलाज व पुनर्वास कैसे किया जाएगा। उसकी अभी कोई गाइडलाइन नहीं तैयार की गई है।
बताते चलें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिमागी बुखार और जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों के उच्च स्तरीय इलाज वाह पुनर्वास के लिए लिंब सेंटर को लगभग 5 करोड रुपए का बजट दिया गया था। केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारियों ने जानबूझकर दिमागी बुखार व जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों के लिए कार योजना को नजरअंदाज कर दिया है। बताते चलें यहां पर आर्थो पैडिक, पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक तथा गठिया रोग विभाग है, जो कि संयुक्त रूप से जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों का इलाज में सहयोग करता है। इस वर्ष भी जुलाई शुरू होते ही शासन ने दिमागी बुखार के मरीजों के लिए तैयारी रखने का निर्देश दिया था और यह निर्देश केजीएमयू प्रशासन ने लिंब सेंटर को भेज कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। लिंब सेंटर को खाली करने के आदेश के बाद चर्चा है कि शासन के दिए गए निर्देशों का पालन ठीक तरह से केजीएमयू अधिकारी नहीं कर रहे हैं। निर्देशों को तोड़ मरोड़ करके कोविड-19 हास्पिटल बनाने के लिए अपनी पीठ थपथपा ने में जुट गए हैं।