लखनऊ। राजधानी में लगातार आठंवे दिन कोरोना का कोई मरीज पाजिटिव निकला है। यह शुभ संकेत है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग लगातार मुस्तैदी से संदिग्ध लोगों की तलाश व कोरेन्टाइन में रह रहे लोगों की निगरानी कर रहा है। सीएमओ डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि 14 अप्रैल तक संवेदनशील है। इस दौरान कोई नहीं निकलता है तो मेहनत सफल कही जा सकती है।
कोरोना के संदिग्ध मरीजों की तलाश कर उन्हें कोरेंटाइन करने से लेकर इलाज के लिए भेजने में सीएमओ डा. नरेन्द्र अग्रवाल व उनकी टीम दिन रात लगी है। खास कर चर्चित गायिका कोनिका कपूर के पाजिटिव आने के बाद उनकी पार्टी में शामिल लोगों की तलाश करना हो या उनके रहने वाली बिल्ंिडग के निवासियों को कोरेंटाइन करना हो। इसके अलावा खुर्रम नगर क्षेत्र में एक ही परिवार के लोगों में तीन सदस्यों का पाजिटिव होने पर आस-पास का क्षेत्र को लॉक डाउन करना हो। यह दोनों घटनाएं एक दिन में हुई आैर स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गयी। सीएमओ डा. नरेद्र अग्रवाल की टीम ने तेजी काम करते हुए कोरोना के संदिग्ध मरीजों के नमूने लेना शुरू कर दिया।
गनीमत यह रही कि कोई पाजिटिव नहीं निकला। इस बीच गोमती नगर क्षेत्र से भर्ती कोरोना पाजिटिव महिला डाक्टर भी ठीक होकर घर चली गयी। इसके साथ केजीएमयू में इलाज करा रहे कोरोना के सात मरीज भी ठीक हो के अंतिम दौर में है। अगर केजीएमयू के जांच रिपोर्ट को देखा जाए तो लगातार आंठवे दिन भी कोई मरीज पाजिटिव नही निकला। शुक्रवार को कुल 75 नमूने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा लखनऊ के भी थे, लेकिन 74 नमूने निगेटिव निकले है आैर एक मरीज पाजिटिव निकला, जो कि आगरा निवासी है आैर 17 मार्च को लंदन से लौटा था। सीएमओ डा. नरेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि आठंवा दिन भी सकून देने वाला है, लेकिन अभी कुछ कहा नही जा सकता है। कोरोना कैरियर सक्रिय होगे तो नतीजा कुछ न कुछ निक लेगा। 17 दिन महत्वपूर्ण है, लोग नियमों का पालन करें घरों न निकलें।
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