लखनऊ। अब दिल का दौरा पड़ने वाले मरीजों में स्टंट ठीक से पड़ा है या नही। इसका सटीक पता लगाना आसान हो गया है। इससे एंजियोप्लास्टी की सफलता की दर पहले के मुकाबले बढ़ गई है। पीजीआई में आयोजित तीन दिवसीय इंटरवेंशन कार्डियोलाजिस्ट कांफ्रेंस में पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. सुदीप कुमार ने दी। डॉ. सुदीप ने बताया कि आप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी और इंट्रा वेस्कुलर अल्ट्रासाउंड के जरिए मरीज को स्टंट डालते समय देखते हैं कि स्टंट सही लगा है कि नही, पता चल जाता है। स्टंट डालने के दौरान कोई दिक्कत होने पर अब तुरन्त पता चल जाता है। स्टंट ठीक स्थिति में पड़ने पर खून का प्रवाह सामान्य हो जाता है। उन्होंने बताया कि पीजीआई में यह तकनीकि शुरू होने से दिल के मरीजों का इलाज आसान हो गया है।
इंटरवेंशन कार्डियोलाजिस्ट कांफ्रेंस के आयोजक और पीजीआई के कार्डियोलाजिस्ट डॉ. सत्येंद्र तिवारी बताते हैं कि यदि आपका दिल बीमार है तो इसका पता खुद लगा सकते हैं। डॉ. तिवारी कहते हैं कि यदि तीन से चार किमी चलने में आपकी सांस उखड़ रही है या सीने में दर्द महसूस हो रहा है। तो समझ ले दिल में कोई दिक्कत है। उन्होंने कहा कि दिल की बीमारी से बचना है तो नियमित टहलने के साथ ही कसरत करें।
डॉ. तिवारी ने बताया कि यदि टहलने और कसरत में सांस फूल रही सीने में दर्द हो रहा है तो ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल के लिए लिपिड प्रोफाइल की जांच करा लें। साथ ही परिवार में किसी को दिल की बीमारी है या धूम्रपान या शराब का सेवन करने वाले 25 साल तक के लोगों को यह जांच दो साल में जरूर करानी चाहिये। डॉक्टर की मदद से ईसीजी और इको आदि भी कराकर दिल की जांच करा सकते हैं।
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