लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में लवजिहाद केस में महिला रेजिडेंट के शादी से पहले धर्मान्तरण के दबाव डालने में सहयोग देने के आरोपों की जांच के क मेटी गठित कर दी गयी है। अब लव जिहाद में धर्मान्तरण का प्रयास, दबाव डालने वालों के साथ आरोपी पुरुष रेजिडेंट डाक्टर का सहयोग करने वाले की पड़ताल की जाएगी।
इसके लिए केजीएमयू कुलपति ने एक अलग से कमेटी बना दिया है। यह कमेटी एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी। पैथोलॉजी विभाग के पुरुष रेजिडेंट पर लव जिहाद में धर्मान्तरण प्रयास के गंभीर आरोप लगे हैं। विभाग की महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने यह आरोप लगाए हैं।
लव जिहाद की घटना के बाद कई संगठनों ने प्रदर्शन परिसर में कि या था। इसमें नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन (एनएमओ) ने प्रदर्शन करने के बाद पदाधिकारियों की केजीएमयू प्रशासन के साथ बैठक हुई थी। बैठक में एनएमओ पदाधिकारियों ने केजीएमयू के डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
एनएमओ पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि केजीएमयू के जिम्मेदार डॉक्टरों ने इस प्रकरण को शुरुआत में गंभीरता से नहीं लिया। वहीं पैथालॉजी विभाग के अलावा अन्य कुछ डॉक्टर आरोपी पुरुष रेजिडेंट डाक्टर के सहयोग में थे। ऐसे लोगों की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाएगी। कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने जांच कमेटी गठित कर दी है। कमेटी के चेयरमैन डा. के के सिंह को बनाया गया है। इनके साथ कमेटी में चिकित्सा अधीक्षक डा. सुरेश कुमार, प्राक्टर डा. आर एएस कुशवाहा, डा. हैदर अब्बास व सचिव डा. सुमित रूगंटा को बनाया गया है।
प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि धर्मान्तरण प्रयास गंभीर है। जो लोग आरोपी की मददगारों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। पीड़िता की हर संभव मदद व सुरक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। वहीं यदि किसी को इस तरह की परेशानी हो वह विशाखा कमेटी व चीफ प्रॉक्टर से शिकायत कर सकते हैं।












