लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में कल से खराब सीटी स्कैन मशीन सोमवार को भी सही नहीं हो सकी। इस कारण जांच नहीं होने से सबसे ज्यादा दिक्कतें सिर में चोट लगे मरीजों को परेशानी होती रही। गंभीर मरीज को आस- पास निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच कराने को मजबूर हैं।
ट्रॉमा सेंटर में लगभग 400 बिस्तरों पर प्रदेश भर से मरीज ज्यादातर गंभीर हालत में भर्ती होते है। रोड एक्सीडेंट में घायल काफी संख्या में मरीज आते हैं। ज्यादातर मरीजों को सीटी स्कैन जांच आवश्यकता होती है। गंभीर मरीजों को 24 घंटे में दो बार जांच करानी पड़ती है।
ट्रॉमा में एक सीटी स्कैन मशीन क्रियाशील है। आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 150 से अधिक मरीजों की जांच होती है। रविवार को मशीन में तकनीकी गड़बड़ी आने से संचालन ठप हो गया। ट्रॉमा प्रशासन की सूचना पर इंजीनियर मशीन को ठीक करने की कोशिश में लग गये, लेकिन दूसरे दिन भी मशीन सही नहीं हो सकी है। इससे मरीजों को परेशानी करना पड़ रहा है। गंभीर मरीजों को शताब्दी भवन एक या मुख्य परिसर में सीटी जांच के लिए भेजा जा रहा है। इन दोनों जगह मरीजों का पहले से प्रेशर में रहते है।
मरीजों को एक से डेढ़ घंटे बाद जांच का नम्बर आ रहा है। ऐसे में गंभीर मरीजों को बहुत परेशानी हो रही हैं। जांच में देरी से इलाज समय पर नही हो पा रहा है। समय पर सही इलाज न मिलने से मरीजों की हालत गंभीर हो रही है। ऐसे में कई तीमारदार निजी डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच कराने को मजबूर हैं।











