कैंसर संस्थान में रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) मशीन लगी
लखनऊ। चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में 15 से 20 मिनट के इलाज से मरीज को कैंसर के दर्द से छुटकारा मिल सकेगा। इसके लिए संस्थान में 70 लाख रुपये की रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) मशीन खरीदी है, जिससे कैंसर के गंभीर मरीजों को इलाज सरलता से मिल सकेगा। यह जानकारी कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने शनिवार को संस्थान के एनस्थीसिया विभाग की तरफ से आयोजित कार्यशाला में दी।
निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि कैंसर में मरीजों को असहनीय पीड़ा होती है। दर्द से आराम दिलाने के लिए मरीजों को दवाएं दी जाती है, परन्तु कई बार दर्द की सामान्य दवाएं बेअसर हो जाती है। मॉरफीन तक असर नहीं करती है। ऐसे मरीजों को रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन तकनीक से दर्द से निजात दिलाया जा सकता है।
नई दिल्ली की डॉ. साईप्रिया तिवारी ने बताया कि चेहरे, पीठ व पेट के कैंसर से पीड़ितों के लिए आरएफए मशीन से इलाज राम बाण की तरह काम करती है। सबसे पहले दर्द के लिए जिम्मेदार नस की तलाश की जाती है।
उसके बार आरएफए से रेडियोफ्रीक्वेंसी सिरिंज के माध्यम से नस में दी जाती है। रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन से नस बिल्कु ल सुन्न हो जाती है। इसके बाद मरीज को दर्द का अहसास बिल्कुल नहीं होता है। लगभग डेढ़ से दो वर्ष तक मरीज को उस भाग में दर्द का अहसास नहीं होता है। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में 15 से 20 मिनट का समय लगता है।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वरुण विजय ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यशाला में पांच मरीजों को निशुल्क इलाज मुहैया कराया गया। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में इस इलाज के लिए मरीज को सवा से डेढ़ लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं। कार्यक्रम में एनस्थीसिया विभाग पर प्रमुख डॉ. आसिम रशीद समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।