लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वीवीआईपी व वीआईपी मरीजों को इलाज में विशेष प्राथमिकता देगा। संस्थान पहुंचने पर उन्हें अलग से प्रोटोकॉल उपलब्ध होगा। डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य कर्मी वीआईपी मरीज के साथ ही तीमारदारों से भी अदब से वार्तालाप करेंगे। इसमें चूक होने पर सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी गयी है।
लोहिया संस्थान में प्रतिदिन तीन हजार से अधिक मरीज ओपीडी में अलग- अलग डाक्टरों से परामर्श लेने के लिए पहुंचते हैं। यहां लगभग एक हजार बिस्तर हैं।
ज्यादातर बिस्तर हमेशा फुल रहते हैं। संस्थान प्रशासन ने वीवीआईपी, वीआईपी, माननीय व वरिष्ठ अधिकारियों को बेहतर इलाज के साथ प्रोटोकाल मुहैया कराने के लिए आदेश जारी किया है। पहली अगस्त को संस्थान प्रशासन ने जारी दो पेज के आदेश में कहा गया है कि डॉक्टर व कर्मचारी वीवीआईपी मरीज व उनके तीमारदारों के आगमन की सूचना अपने उच्च अधिकारियों को देने के साथ जिस विभाग से सम्बधित मरीज को बीमारी हो उसके विभाग प्रमुख को भी सूचना दें।
प्रोटोकॉल के अनुसार हर संभव उनकी सहायता करें। तत्काल आवश्यकता अनुसार चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। मरीज के लिए ओपीडी, इमरजेंसी, आईसीयू आदि वार्ड की सेवाओं की तैयारियों का जानकारी लेना शुरू कर दें, ताकि मरीज को इलाज में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। वीवीआईपी मरीज व तीमारदार को बिजली, पानी आदि की दिक्कत न होने दें। वीवीआईपी के साथ मौजूदा प्रतिनिधियों से संवाद व व्यवहारकुशल रहें।