लोहिया संस्थान: डायलिसिस के दौरान मरीज की मौत

0
98

किडनी प्रत्यारोपण के लिए भर्ती हुआ था मरीज

Advertisement

लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डायलिसिस के दौरान मरीज की मौत हो गयी। डाक्टरों का कहना है कि मरीज का अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ गया, इसके कारण मरीज के दिमाग की नस फट गयी आैर मरीज की मौत हो गयी। परिजनों ने मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों का तर्क है कि डायलिसिस से पहले मरीज को ब्लड प्रेशर व ब्लड प्रेशर को पतला करने की मेडिसिन दी गयी थी। इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही से डॉक्टरों ने स्पष्ट इनकार कर दिया है।

लोहिया संस्थान में इंदिरानगर सेक्टर ग्यारह के रहने वाले सिद्धार्थ राय (36) किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित चल रहे थे। लगभग दो साल से उनकी डालीगंज के निजी अस्पताल में डायलिसिस की जा रही थी। यहां के डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट कराने का परामर्श दिया था। परिजन का कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को लोहिया संस्थान में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मरीज को दिखाया। फिर जांच के बाद डाक्टरों ने जल्दी रिपोर्ट के अनुसार किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए कहा था। भाई राहुल ने सिद्धार्थ को बीस जुलाई को संस्थान में भर्ती कराया।

भर्ती के बाद डॉक्टरों ने डायलिसिस कराने के लिए कहा था। उसके बाद डॉक्टरों ने डायलिसिस शुरू की। भाई राहुल का कहना है कि डायलिसिस शुरू करते ही सिद्धार्थ का ब्लड प्रेशर बढ़ने की बात बतायी थी। उसका कहना है कि जब तक डॉक्टर डायलिसिस रोकते तब तक मरीज की हालत बुरी तरह बिगड़ गयी थी। मरीज बेहोश हो गया।

मरीज के दिमाग की नस बीपी बढ़ने से फटने की बात बतायी गयी, लेकिन मरीज को तत्काल न्यूरो विभाग में भर्ती नहीं किया गया। परिजनों का आरोप है कि यही नहीं मरीज के मृत्यु प्रमाण पत्र में भी तमाम गड़बड़ियां हैं। शिकायत के बाद भी उस पर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

Previous articleएक और विशेषज्ञ डाक्टर ने Kgmu को कहा अलविदा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here