ट्रांसकैथेटर पल्मोनरी वाल्व रिप्लेसमेंट प्रदेश में पहली बार करने का दावा
लखनऊ। राजधानी के टेंडर पाम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में प्रदेश में पहली बार बिना किसी ओपन हार्ट सर्जरी के एक मरीज का पल्मोनरी वाल्व बदला गया। हास्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग ने यह प्रक्रिया केवल तार के ज़रिये ही 30 मिनट में पूरी की गयी। हास्पिटल के सर्जरी वाले विशेषज्ञ डाक्टरों का दावा है कि ट्रांसकैथेटर पल्मोनरी वाल्व रिप्लेसमेंट प्रदेश में पहली बार की गयी है।
टेंडर पाम के कार्डियक विभाग के निदेशक डॉ. गौतम स्वरूप ने बताया कि एक मरीज़ जिनकी उम्र 35 साल थी, उनको एक जन्मजात हृदय रोग था, जिसको टीओएफ(टट्रालॉजी ऑफ फैलोट) कहते है। इसमें हृदय के दो हिस्सो में छेद होता है और हृदय का पल्मोनरी वाल्व जो फेफड़ो को रक्त देता है, सिकुड़ जाता है। इस बीमारी के लिए उनकी ओपन हार्ट सर्जरी करीब 15 वर्ष पूर्व हुई थी। सर्जरी में छेद बंद करने के साथ ही पल्मोनरी वाल्व भी बदला गया था।
उन्होंने बताया कि यह वाल्व समय के साथ 15 साल में डिजनरेट हो गया, जिससे उनके पल्मोनरी वाल्व में पुनः शिकुड़न आ गयी। इससे उनको जल्दी थकान और सांस फूलने जैसी समस्या होने लगी। इसके लिए उन्होनें दोबारा कार्डियक सर्जन से संपर्क किया। उनके लिए दोबारा ओपन हार्ट सर्जरी करवाना हाई रिस्क प्रक्रिया थी। उन्होनें इसके लिए और भी हृदय रोग के डॉक्टरों से संपर्क किया, जिससे वह दोबारा ओपन हार्ट सर्जरी से बच सके।
डॉ. गौतम स्वरूप ने उनके पुरानी सर्जरी को देखते हुए इस बार बिना ऑपरेशन के पल्मोनरी वाल्व बदलने का निर्णय लिया। यह एक नई प्रक्रिया है जिसे ट्रांसकैथेटर पल्मोनरी वाल्व रिप्लेसमेंट कहा जाता है।
इस प्रक्रिया में किसी बेहोशी या ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती है। इस प्रक्रिया में सिर्फ पैरो की नसों से तार के ज़रिये पुराने वाल्व को गुब्बारे के ज़रिये फैक्चर किया गया और उसके अंदर दूसरा पल्मोनिक वाल्व लगा दिया गया जिसको वाल्व इन वाल्व (टीपीवीआई) कहते है। इस प्रक्रिया में सिर्फ 30 मिनट का समय लगा और अगले ही दिन मरीज की छुट्टी कर दी गयी। इस सर्जरी में डॉ. गौतम स्वरूप, व उनकी टीम के अन्य कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहित मोहन सिंह, डॉ. आदेश कुमार सिंह एवं डॉ. कृष्ण कुमार सहानी ने अपना योगदान दिया।
डॉ. गौतम स्वरूप ने बताया कि अब कार्डियोलॉजी में बहुत सी ऐसी नयी विधियों आ गई है, जिससे बिना किसी ओपन हार्ट सर्जरी के हृदय के चारो वाल्व को बदला जा सकता है।