लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पहली बार रोबोटिक तकनीक से तीन मरीजों का सफल घुटना प्रत्यारोपण किया गया। इसमें खास बात यह रही कि ये सभी सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क की गयी।

आर्थोपेडिक विभाग के विभाग प्रमुख डॉ. आशीष कुमार नेतृत्व में तीनों मरीजों की रोबोटिक सर्जरी की गयी। डा. आशीष कुमार ने बताया कि सर्जरी होने वाले सभी मरीज ओस्टियोआर्थराइटिस से ग्रसित थे। उन्होंने बताया कि इनमें 65 वर्षीय राम जतन के दोनों घुटनों में ऑस्टियोआर्थराइटिस था, जिसमें बायें घुटने में दिक्कत अधिक थी। जिस कारण बायें घुटने का सर्जरी की गयी। डॉ आशीष ने बताया कि मरीज के दाएं घुटने की सर्जरी 6 माह बाद की जा सकती है। इसके अलावा दूसरा मरीज 75 वर्षीय राम सजीवन के दाएँ घुटने की सर्जरी की गई। इनकी भी दूसरे घुटने की सर्जरी कुछ समय बाद की जाएगी। वहीं तीसरे मरीज 61 वर्षीय गोरख सिंह के एक घुटने की सर्जरी पहले की जा चुकी है दूसरे घुटने की सर्जरी रोबोटिक तकनीक से की गयी।
डॉ आशीष का कहना है कि वैसे तो दोनों घुटनों की सर्जरी एक साथ हो सकती है, लेकिन मरीज को कोई असुविधा न हो इसलिए एक घुटने की सर्जरी करने के बाद दूसरे घुटने की सर्जरी कुछ समय बाद की जाती है। उन्होंने बताया रोबोट से सर्जरी करने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है, इतना ही समय सामान्य तरीके से सर्जरी करने पर भी लगता है। रोबोटिक सर्जरी की खासियत इतनी होती है कि इसमें परफेक्शन ज्यादा होता है ,जिससे मरीज को कॉम्प्लिकेशन कम होते हैं और वह सर्जरी के बाद जल्दी स्वस्थ महसूस करता है आैर दैनिक दिनचर्या का कार्य करने लगता है।
सर्जरी करने वाली टीम
डॉ आशीष कुमार के साथ सर्जरी में डॉ. कुमार शांतनु, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अर्पित और डॉ. रविंद्र, तथा एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. नील कमल और उनकी टीम, ऑपरेशन थिएटर स्टाफ व रोबोटिक तकनीक उपलब्ध कराने वाली कंपनी के इंजीनियरों की टीम भी मौजूद रही।
कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सर्जरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि रोबोटिक तकनीक के जरिए अब सर्जरी अधिक सटीक, सुरक्षित एवं कम रिकवरी समय में पूरी हो रही है। केजीएमयू के डाक्टर्स की कोशिश है कि यह सुविधा हर ज़रूरतमंद तक पहुंचे।












