लखनऊ। डायबिटीज के मरीजों को हार्ट अटैक की संभावना 3 से 4 गुना अधिक होती है। मधुमेह (डायबिटीज) यानि की शुगर होने से हार्ट की धमनियां इस तरह से हो जाती हैं, जैसे उनको पहले से दिल का दौरा पड़ चुका हो।
यह कहना है कानपुर से आए डा. ऋषि शुक्ला का। वह शनिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय स्थित अटल बिहारी वाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित यूपीकॉन- 2024 को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में ऐसी दवाएं हैं,जो हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि मरीजों में डायबिटीज होने पर कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है। जिन मरीजों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा होता है, उन मरीजों में ज्यादातर दिल का दौरा पड़ने की संभावना रही हैं।
ऐसे मरीजों में ब्लड टेस्ट की जांच के दौरान ट्राइग्लिसराइड की मात्रा बढ़ी होती है। ऐसे मरीजों में कोलेस्ट्रॉल की दवा के साथ एक नयी दवा आयी है, जो की मरीजों को देनी चाहिए, जिससे मरीजों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम होगी।
कार्यशाला में डा. अनुज ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों को खास सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। डाक्टर के परामर्श पर समय-समय पर जांच और इलाज जरूर कराना चाहिए। डायबिटीज मरीज की जरा सी लापरवाही उसके जीवन को खतरे में डाल सकती है। जिन लोगों को भी डायबिटीज की दिक्कत है उनके परिवार वालों को भी सतर्क रहना चाहिए।