लखनऊ। गोमती नगर के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत एक महिला कर्मी ने एचआर विभाग के एक अधिकारी और आउटसोर्सिंग एजेंसी के सुपरवाइजर पर गंभीर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। आरोपों की शिकायत महिला आयोग से कर दी गयी है। शिकायत में अधिकारी और सुपरवाइजर पर स्थायी तैनाती के लिए 80 हजार रुपये लेने के साथ ही स्थाई तैनाती के लिए होटल साथ जाने के लिए दबाव बनाने का आरोप है।
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महिला कर्मी ने आयोग से की गई शिकायत में कहा है कि आरोपितों की बात न मानने पर उसे स्थाई तैनाती नहीं किया गया, अभी तक रिलीवर के तौर पर ही है। कर्मी के इन आरोपों के बाद लोहिया संस्थान ने जांच समिति गठित कर दी गयी है। लोहिया अस्पताल प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि जो शिकायती पत्र आया है। यह पत्र ही गलत है। शिकायत कर्ता महिला ने अपना नाम तक नहीं लिखा है, लेकिन फिर भी जांच होगी, जो सच होगा सामने आ जायेग।
महिला कर्मचारी की तरफ से राज्य महिला आयोग को लिखे शिकायती पत्र में कहा गया है कि प्रार्थिनी लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एजेंसी के माध्यम से नर्सिंग स्टाफ के पद पर रिलीवर के तौर पर काम कर रही है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि लोहिया संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है, लेकिन वहां के कुछ स्टाफ बहुत ही गन्दे प्रवृत्ति के हैं, उनको स्त्री का शोषण करने में मजा आता है। संस्थान के एचआर विभाग के एक अधिकारी की मानसिकता बहुत ही गन्दी है। वह अपने पद का गलत प्रयोग कर रहे हैं। मुझसे स्टाफ नर्स पर नौकरी दिलाने के लिये कंपनी के सुपरवाइजर और एचआर विभाग के अधिकारी ने 80,000 रुपये लिये है, फिर भी अभी तक रिलीवर के रूप में ही रखा गया है। पत्र में आरोप है कि नियमित तैनाती दिलाये जाने के लिए अधिकारी के करीबी और आउटसोर्सिंग एजेंसी के सुपरवाइजर ने फोन कर होटल में आकर अधिकारी से मिलने पर ही कुछ संभव होने की बात की गई। प्रार्थिनी बहुत हिम्मत करके यह शिकायती पत्र आपको लिख रही है, कृपया उसका मान-सम्मान बनायें रखिये, क्योंकि यह अभी भी इसी संस्थान में एजेन्सी के माध्यम से रिलीवर के तौर पर कार्य कर रही है। अतः अल्प आय वाली स्त्रियों की मजबूरी का फायदा उठाने वाले इन सभी व्यक्तियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई करने की कृपा करें।