लखनऊ : प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत होने वाली गतिविधियों के सफल किरण्वयन में मीडिया सहयोगियों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए राज्य टीबी (क्षय) सेल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश एवं ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज संस्थान द्वारा अन्य सहयोगी कार्य यथा- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, डब्ल्यूएचपी, सीएचआरआई, वर्ल्ड विजन, सीफर के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आज लखनऊ में राज्य स्तरीय मीडिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि ट्रिगर जी के टीबी (क्षय) उन्मादी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के आकर्षण के दिशा-निर्देश-में भटकते हुए मजदूर एवं अंतर-विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी के सदस्यों को पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध किया जा रहा है और उन्हें नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है,
उन्होंने बताया कि प्रदेश के राज्यपाल टीबी पीड़ितों को गोद लेने वाले को सबसे पहले निर्धारित करने के क्रम में हम सब व्यवहार्यता से कार्य कर रहे हैं और पूरे प्रदेश के सभी जनपदों में टीबी पीड़ितों को गोद लिया जा रहा है और उन्हें आर्थिक, सामाजिक और मानसिक सहायता प्रदान की जा रहा है ताकि प्रदेश को टीबी जैसे गंभीर रोग से शीघ्र मुक्त किया जा सके। उन्होंने उपस्थित मीडिया सहयोगियों से अनुरोध किया कि वे मीडिया के माध्यम से टीबी पीड़ितों को गोद लेने के महत्व को जन-जन तक प्रसारित करें ताकि समुदाय में इसकी जागरूकता और प्रदेश से टीबी का पहल किया जा सके। इस अवसर पर उप एमटीबी उन्मूलन कार्यक्रम में ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर नए वीडियो का भी अनावरण किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थिति क्षय राज्य नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश डॉ। शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि वर्ष 2022 में प्रदेश में कुल 5,22,436 क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण हुए थे और इस वर्ष 1 जनवरी से 15 फरवरी तक कुल 54,563 क्षय रोगी पंजीकरण हुए थे। प्रदेश सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत वर्ष 2018 से 15 फरवरी 2023 तक 15 लाख 59 हजार आश्रित को पोषण सहायता के रूप में कुल 404 करोड़ 24 लाख की उनके गुणांक में सीधे कारण की ओर इशारा किया।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में 22,611 निक्षय मित्रों को सदस्य बना कर 73,814 सदस्य को गोद लेकर सामुदायिक सहायता प्रदान की जा रही है। डॉ. भटनागर ने बताया कि प्रदेश के 36 जनपदों में पेशेंट प्रोवाइडर सपोर्ट एजेंसी (पी.पी.एस.ए.) का चयन करके उनके द्वारा इन जनपदों में क्षय अपनी पहचान बनाने और उनके उपचार के लिए निजी वरीयता के साथ सहयोग प्रदान किया जा रहा है हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हर महीने की 15 तारीख को पूरी स्वस्थ्य इकाईयों पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जा रहा है और इस दिन कर्ज लेने वाले को खाताधारक कर उनके उपचार किया जाता है, क्षय रोग का इलाज छोड़ दें का पुन: उपचार शुरू किया जाता है। उन्होंने यह भी सूचित किया कि आगामी 20 फरवरी से 5 मार्च 2023 तक प्रदेश के सभी जनपदों में सक्रिय रोगी खोज अभियान चलेगा। इसके साथ ही,
उप राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ऋषि सक्सेना ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रदेश स्तर से राज्य स्तर तक समन्वय स्थापित करते हुए टीबी उन्मूलन के लिए सतत प्रयासशील है और पूर्ण विश्वास है कि वर्ष 2025 तक उत्तर प्रदेश टीबी रोग से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, संबद्ध कार्य जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचपी, सीएचआरआई, वर्ल्ड विजन, सीफार, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज एवं स्थानीय मीडिया सहयोगी उपस्थित थे।