लखनऊ । किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ ऑप्थोमालॉजी विभाग के डाक्टरों ने दस साल के बच्चे की आंख की जटिल सर्जरी कर
जिंदगी में उजाला भर दिया है। आंख की रौशनी गंवा चुके बच्चे को अब दिखने लगा है।
दरअसल अम्बेडकर नगर निवासी एक दस वर्षीय के बच्चे की आंख में कैंची लग गई थी। बताया जा रहा है कि बच्चे को कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा था,सिर्फ रौशनी का आभास हो रहा था। स्थानीय डॉक्टर के कहने पर चोट लगने के दो दिन बाद परिजन बच्चे को लेकर केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग में इलाज कराने पहुंचे ।
यहां पर डिपार्टमेंट ऑफ ऑप्थोमालॉजी विभाग के प्रो.संजीव कुमार ने बताया कि धागा काटते समय बच्चे के आंख में कैंची लगी थी, जिससे कॉर्निया लेंस फट गया था। जिससे बच्चे के आंखों से दिखाई नहीं पड़ रहा था।
चोट लगने के दो दिन बाद अभिभावक बच्चे को लेकर विभाग में पहुंचे थे। जांच के बाद बच्चे के आंख की जटिल सर्जरी की गई। इसमें कार्निया की रिपेयरिंग की। उसके करीब दो महीने बाद मोतियाबिन्द का ऑपरेशन कर लेंस डाला गया। अब बच्चे को दिखाई पड़ रहा है। इस तरह की चोट लगने के बाद आंखो की रौशनी वापस आना काफी दुर्लभ होता है। सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि रेटिना और टिश्यू को कितना नुकसान पहुंचा है।
बताया जा रहा है कि केजीएमयू में हुई इस सर्जरी में लगभग 25 हजार का खर्च आया है। जिसमें मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद डाले गये लेंस की कीमत भी शामिल है।