लखनऊ। सोसाइटी ऑफ मिडविफ्ज़ ऑफ़ इंडिया एवं वाइट रिबन अलायन्स ऑफ़ इंडिया समुदाय के सदस्यों की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन शनिवार को संपन्न हुआ।
बैठक का आयोजन उत्तर प्रदेश में मिडवाइफरी के स्तर की गुणवत्ता को उत्तम बनाने के अनूठे प्रयास की रणनीति तय करने के साथ ही राज्य स्तरीय कार्यशाला की योजना बनाने के लिए किया गया।
सभा का आयोजन चरक अस्पताल, लखनऊ के सहयोग से सुरुचि इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग में संम्पन्न कराया गया।
इस अवसर पर, सोसाइटी ऑफ मिडविफ्ज़ ऑफ़ इंडिया की संस्थापक डॉ प्रकाशम्मा ने सब का नेतृत्व करते हुए सभी मिडवाइफ लीडर्स का सम्बोधन किया तथा सामान्य प्रसव तथा नवजात शिशु की देखभाल के बारे में जानकारी देते नए कहा की उच्य स्तरीय मिडवाइफरी सेवाएं प्रदान करने में सब से पहले जिम्मेदारी एक कुशल मिडवाइफ की है ,जो स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम है। उत्तर प्रदेश में मिडवाइफरी सेवाओं के स्तर की वृद्धि करना अत्यंत आवश्यक है, क्यों की हमारा प्रदेश देश में सबसे अधिक जनसँख्या तथा बड़े क्षेत्रफल का प्रदेश है। ऐसा करने से गर्भावस्था, प्रसव और जन्म के दौरान महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की सहायता और सही देखभाल हो सकेगी। जिससे प्रदेश में मातृ मृत्यु दर और रुग्णता दर में कमी आएगी।
बैठक में दिल्ली एवं उत्तरप्रदेश के 9 जिले जैसे अलीगढ, मेरठ, सैफई, कानपूर आदि से प्रख्यात मिडवाइफरी लीडर्स सम्मलित हुए। प्रदेश से प्रतिष्ठित प्रसूतिशास्त्री, बाल रोग चिकित्सक, विभिन्न गैर सरकारी संगठनो ने भी समेल्लन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया । बैठक में राज्य स्तरीय कार्यशाला के आयोजन के लिए अपनी सहमति प्रदान की।
समेल्लन का सफतला पूर्वक आयोजन करने में डॉ रतन सिंह, संस्थापक चरक हॉस्पिटल एवं सुरुचि इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग, डॉ जैस्मिन, प्रिंसिपल, सुरुचि इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग, डॉ बन्दना दास, सलाहकार सोमी, लेफ्टनंट कर्नल मनोन्मनी वेंकटनरयाणां, सलाहकार सोमी, डॉ मितली अधिकारी प्रेसिडेंट सोमी, डॉ गीता परवाण्डा सेक्रेट्री सोमी, उत्तर प्रदेश राज्य शाखा, श्रीमती मेरी मलिक, प्रेसिडेंट टी एन ऐ आई उत्तर प्रदेश, अशोक एवं नवीत दुबे, राजकीय नर्सिंग संगठन, उत्तर प्रदेश का महत्पूर्ण योगदान रहा।