Kgmu: कुलसचिव पर लगें आरोपों जांच शुरू

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लखनऊ। शासन ने केजीएमयू कुलसचिव के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच विधायक व जन प्रतिनिधियों की शिकायत के बाद शुरू की गयी है। कुलसचिव पर डॉक्टरों की नियुक्ति के विज्ञापन में आरक्षण की अनदेखी, मृतक आश्रित कोटे से कर्मचारियों की भर्ती सहित कई अन्य प्रकरण में लापरवाही बरतने की शिकायत की गयी हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अशोक कुमार ने मंडलायुक्त को जांच सौंपी है। यह 20 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौपने के निर्देश है।

केजीएमयू में कुलसचिव के पद पर आशुतोष कुमार द्विवेदी पर मृतक आश्रित सेवा नियमावली के गड़बड़ी करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई न करने का आरोप हैं। शासन के निर्देश के बाद भी कुलसचिव ने अधिष्ठान प्रभारी के मामले का निस्तारण नहीं किया। यही नहीं न्यायालय में लम्बित मामलों में पैरवी भी नहीं की जा रही है।
इसके अलावा केजीएमयू के साइंटिफिक कनवेंशन सेंटर में लाखों रुपये गबन के दोषी को भी बचाने का आरोप है। डेंटल यूनिट में पेपर लीक करने के मामले में कोई सूचना नहीं दी गई। आरोप है कि कुलसचिव ने तथ्यों को छिपाया और विधानसभा को गलत जानकारी दी है। इस आरोप के बारे में जब कुलसचिव आशुतोष द्विवेदी से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका है।
बताया जाता है कि केजीएमयू कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी के खिलाफ विधायक व जन प्रतिनिधियों ने शिकायत दर्ज करायी है। इसमें जौनपुर विधायक सीमा तिवारी, भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा, बस्ती विधायक रवि सोनकर, अभिजीत सिंह सांगा, एमएलसी रमा निरंजन समेत कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं सहित 13 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर का कहना है कि शासन से जो भी शिकायतें या आदेश आते हैं, केजीएमयू में उनके बाबत पूरा सहयोग किया जा रहा है। कुलसचिव पर लगे आरोप संबंधी शिकायत की जानकारी नहीं है। शिकायत पर जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा।

 

 

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