लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में रविवार को आरोग्य वाटिका स्थापित की गयी। वाटिका का उद्घाटन केजीएमयू के कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी ने किया। विभाग प्रमुख प्रो. सूर्यकांत ने कहा कि वाटिका में कई औषधीय पौधे लगाए गए है। इस मौके पर सीमैप के निदेशक डॉ पीके त्रिवेदी, पर्यावरणविद मेवालाल मौजूद रहे। कार्यक्रम में डॉ विभाग के डॉ आरएएस कुशवाहा, डॉ संतोश कुमार, डॉ दर्शन बजाज, डॉ अजय डा ज्योति समेत रेजिडेंट, नसेज व कर्मचारी मौजूद रहे।
कुलपति ने कहा ये बहुत ही अहम साल है। पिछले साल से इस साल तक हम कोविड महामारी से जूझते रहे, जिससे अब हम उबर रहे हैं। इस महामारी में केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग का अहम योगदान रहा। समाज में अब जागरूकता आ रही है लोग पर्यावरण के प्रति सचेत हो रहे हैं। मेडिसिन प्लांट का आज लोगों को स्वस्थ्य रखने में अहम रोल है। एलोपैथी से हम बीमारी का इलाज करते हैं, लेकिन ये मेडिसिनल प्लांट लोगों को स्वस्थ्य रखने में सहायता करते हैं, जिससे वह बीमार ही न हो।
सीमैप के निदेशक पीके त्रिवेदी ने कहा कि अस्सी के दशक में मेंथा यूपी में नहीं होती थी लेकिन आज हम सबसे बड़े उत्पादक है। देश का 80 फीसदी उत्पादन यूपी करता है। अमेरिया की एक ड्रग के लिए हम पहले रॉ मटेरियल दूसरे देशों से इंपोर्ट करते थे। आज हम खुद उत्पादन कर रहे है। इसी तरह लोग घरों में तुलसी, गिलोए समेत दूसरे मेडिसिनल प्लांट लगाकर रोगों से बच सकते हैं साथ ही पर्यावरण को बेहतर बनाने में सहयोग कर सकते हैं।
पर्यावरणविद मेवा लाल ने कहा कि अब लोग घरों छत व बालकनी में गार्डन बना कर सब्जी उगा सकते हैं। साथ ही घर के कचरे से एक सामान्य ड्रम का उपयोग कर बायोकंपोस्ट भी घर में बना सकते हैं। इससे एक ओर घरों में बिना पेस्टिसाइड्स की सब्जियां खा सकेंगे। बताते चले कि विभाग के 75 साल होने पर 75 पौधे लगाने का प्रण विभागाध्यक्ष डॉ सूर्यकांत ने लिया, जिसे इस कार्यक्रम में साकार किया गया।