योग शिक्षा हमारे लिए कोई नया विषय नहीं है प्राचीन काल से स्वस्थ जीवन के साथ ही मानसिक विकास के लिए योग को महत्वपूर्ण बताया गया है। देश के लोगों को शारीरिक स्तर पर नहीं मानसिक स्तर पर भी स्वस्थ बनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने योग की महत्व को समझाने के लिए सन 2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने योग चिकित्सा लोगों को जोड़ने के लिए प्रतिवर्ष यह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा। अगर देखा जाए तो यह दिन सबसे लंबा दिन माना जाता है । योग शारीरिक मानसिक और संवेगात्मक रूप से क्रियाशील होता है। हमारे स्वस्थ जीवन के साथ ही विकास की ओर अग्रसर करता है। हम किसी भी क्षेत्र में हो जब तक शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी मजबूत नहीं होंगे तब तक हम शत प्रतिशत योगदान कहीं भी नहीं दे सकते हैं। वर्ष 2021की थीम *”योग फॉर वेल बीइंग* ” स्वास्थ्य के लिए योग है । अगर हम प्रतिदिन 20 से 25 मिनट खुद को समय दे और योग प्रशिक्षक से शिक्षा ग्रहण करने के बाद ही योग आसन करें। योग में सूर्य नमस्कार अनुलोम विलोम कपालभाति प्राणायाम सहित कई आसान है, जो हमें स्वस्थ रखने में मदद करते है। अगर हम वर्तमान परिस्थितियों यानी कि कोरोना महामारी में मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं तो योग शिक्षा को जीवन में आत्मसात करना होगा।
…… यह विचार ऑस्कर योग केंद्र की संचालक व योग शिक्षक सुमन पवार के हैं।