अब यह सॉफ्टवेयर बताएगा कोरोना मरीज को वेंटीलेटर चाहिए या आईसीयू

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न्यूज। कोविड सीवियरिटी स्कोर” नामक एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जो ऐसे मरीजों की पहले से पहचान कर सकता है, जिन्हें वेंटिलेटर या आपातकालीन सेवा आैर आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गयी है।
जानकारी के अनुसार इस सॉफ्टवेयर में ऐसा ‘ एल्गोरिदम” है जो कुछ मानकों को मापकर उन मरीजों की पहचान करता है, जिन्हें आईसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। इसकी मदद से समय पर चिकित्सा पहुंचाई जा सकती है आैर आपातकालीन स्थिति होने से पहले आवश्यक इंतजाम किये जा सकते हैं।

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस सॉफ्टवेयर की सहायता से उन मरीजों को अस्पतालों द्वारा दिए गए ‘रेफरल” की संख्या घटाने में मदद मिल सकती ह,ै जिन्हें गंभीर देखभाल की जरूरत नहीं पड़ सकती।
अक्सर देखा जाता है कि अस्पताल, ऐसे मरीजों को भी दूसरे अस्पतालों में रेफर कर देते हैं जिन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर जैसी आवश्यकता नहीं होती। यह सॉफ्टवेयर ऐसे मरीजों की पहचान कर सकता है जिससे अन्य मरीजों को बिस्तर मिल सकते हैं।

वक्तव्य के अनुसार, यह सॉफ्टवेयर प्रत्येक मरीज की स्थिति को पहले से तय मानकों पर परखता है आैर कोविड की गंभीरता का ‘स्कोर” (सीएसएस) तय करता है। वक्तव्य में कहा गया, ”यह तकनीक कोलकाता आैर आसपास के क्षेत्रों में तीन सामुदायिक कोविड केयर केंद्रों में प्रयोग में लाई जा रही है। इसमें कोलकाता के बैरकपुर में स्थित 100 बिस्तरों वाला सरकारी कोविड केंद्र शामिल है।
आईआईटी गुवाहाटी, डॉ केविन धालीवाल, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय आैर डब्ल्यूएचओ में काम कर चुके डॉ सायंतन बंद्योपाध्याय ने संयुक्त रूप से सीएसएस विकिसित किया है।

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