लखनऊ । किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में ऑब्सटेट्रिक क्रिटिकल केयर के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल किया है। यहां के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने डायलिसिस बनाते हुए गर्भवती महिला की सामान्य प्रसव कराने में मदद किया। गर्भवती महिला की हालत बहुत गंभीर थी और उसे क्रिटिकल केयर यूनिट भर्ती किया गया था।
क्वीन मैरी में फर्रुखाबाद निवासी मरीज निधि को 19 मार्च को 34 सप्ताह की गर्भावस्था के साथ भर्ती किया गया था। रोगी respiratory failure और severe metabolic acidosis में थी। इनका PH 6.9 था। रोगी kidney failure में भी थी। उन्हें IUD समस्या के चलते (बच्चे की अंतर्गर्भाशयी मृत्यु) भर्ती कराया गया था। उन्हें तुरंत वेंटिलेटर और वैसोप्रेसर सपोर्ट पर रखा गया।
निम्न रक्तचाप के कारण वह नियमित डायलिसिस के लिए अनुपयुक्त थी, इसलिए CRRT(निरंतर रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी) शुरू की गई। उसने CRRT पर रहते हुए मृत भ्रूण को जन्म दिया। धीरे-धीरे उसकी स्थिति में सुधार हुआ और उसे नियमित डायलिसिस के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। उसके गुर्दे के कार्य और श्वसन मापदंडों में सुधार हुआ, और उसे वेंटिलेटर के साथ-साथ डायलिसिस सहायता से हटा दिया गया। एक महीने तक आईसीयू में रहने के बाद उन्हें घर से छुट्टी दे दी गई।
हमारी जानकारी के अनुसार, यह पहली बार है कि उत्तर प्रदेश राज्य में डायलिसिस पर रहते हुए भी किसी मरीज की सामान्य डिलीवरी हुई है, क्योंकि यह सुविधा और विशेषज्ञता सीमित केंद्रों में ही उपलब्ध है। यद्यपि वह कई अंगों की विफलता के बावजूद बच गई, लेकिन परिधि में काम करने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के लिए यह सलाह दी जाती है कि बीमारी के दौरान बीमार रोगियों को उच्च केंद्रों पर जल्दी भेज दिया जाए। एक बार जब कई अंग विफल हो जाते हैं, तो बचने की संभावना कम हो जाती है।
रोगी के उपचार में लगी चिकित्सक टीम-
Obs & Gynae
प्रो उमा सिंह
प्रो रेखा सचान
डॉ नम्रता
Medicine
प्रो वीरेंद्र आतम
डॉ मेघावी गौतम
Critical care
डॉ अविनाश
डॉ आर्मिन
डॉ नबील
डॉ सुलेखा
डॉ सुहैल
डॉ सौमित्र
डॉ साई सरन