लखनऊ। सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर से इलाज कराने के नाम पर पचास हजार रुपये लेने का मामले का खुलासा हुआ है। आरोप है कि एक महिला ने पूर्व सीएमओ की फोटो मोबाइल में दिखा कर अस्पताल में इलाज कराने का झांसा देकर तीमारदार से करीब पचास हजार रुपए वसूल लिए। इलाज न मिलने पर मरीज के तीमारदार ने इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दे दी आैर अस्पताल के अधिकारियों ने पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस दोनों को पक्षों को बुलाकर सुलह करा दिया है।
बलरामपुर निवासी एक महिला मरीज को बीती सात अक्टूबर को इमरजेंस में भर्ती कराया गया था। महिला सर्जिकल फीमेल वार्ड में डॉक्टर आर के गौतम की देखरेख में इलाज चल रहा है। तीमारदार राजीव का आरोप है कि गांव की रहने वाली एक महिला ने सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर से बेहतर इलाज दिलाने कराने के लिए उससे 50 हजार रुपए ले लिए थे। तीमारदार ने डॉक्टर से बात कराने की बात कही, तो महिला ने पूर्व सीएमओ डॉ. आरपी सिंह की फोटो अपने बेटे के वाट्सएप नंबर पर लगाकर भरोसा दिलाने के लिए बेटे से बात करा दी। जिसके बाद विश्वास में आकर तीमारदार महिला मरीज को यहां पर भर्ती करा दिया। तीमारदार राजीव को शक हुआ तो उसने शुक्रवार दोपहर वार्ड में बवाल मचाते हुए गांव की उस महिला को निदेशक के सामने खड़ा कर दिया। निदेशक जब पूरा मामला समझने तो होश उड़ गये। इसका बाद पुलिस को बुला लिया। साइबर क्राइम समेत धोखाधड़ी का आरोप होने पर पुलिस मौके पर आई। पुलिस दोनों पक्षों को लेकर कोतवाली गई। निदेशक डॉ. मधु सक्सेना ने बताया कि महिला ने अस्पताल के डॉक्टर की फोटो का गलत प्रयोग किया था, जो साइबर क्राइम के तहत आता है। पुलिस ने दोनों पक्षों ने आपस में सुलह कर लिया है।