लखनऊ। शहीद पथ स्थित लोहिया संस्थान के मातृ शिशु रेफरल अस्पताल में अब कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कि या जा सकेगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार अस्पताल को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तन करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। इसमें मरीज, डॉक्टर समेत अन्य लोगों के लिए आने-जाने का अलग-अलग रास्ता रखा जाएगा। जब कि रेफरल अस्पताल में चल रहा जच्चा- बच्चा के इलाज की यूनिट को हास्पिटल ब्लाक में ही शिफ्ट कर किया जा रहा है।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ एके त्रिपाठी ने बताया कि अभी लोहिया संस्थान परिसर के हॉस्पिटल ब्लॉक में बने ट्रॉमा सेंटर में कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था है।
बिस्तरों की संख्या बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। इसलिए शहीद पथ के किनारे बने मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की तैंयारी की जा रही है। इसमें बच्चे और बड़े दोनों के लिए वेंटिलेटर युक्त दस बिस्तर होंगे, जबकि 90 बिस्तरों का क्वॉरेंटाइन वार्ड बनाया गया है। यहां पर 100 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड में होंगे। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार अस्पताल के चार गेट खोले जाने की तैयारी है। इसमें एक गेट मरीजों के लिए होगा। दूसरा तीमारदारों के लिए, तीसरे गेट से पैरामेडिकल स्टॉफ और चौथा गेट डॉक्टरों के लिए बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सात-सात दिन की डॉक्टर व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। सात दिन ड्यूटी करने के बाद डॉक्टर व कर्मचारियों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में जाना होगा। इसके लिए होटल का इंतजाम किया जा रहा है। जहां पर उनके खाने-पीने की व्यवस्था होगी। उसके बाद वह घर जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
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