01 मार्च से मेले में कार्यरत कर्मचारी काला फीता बांधकर करेंगे ड्यूटी

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लखनऊ । प्रत्येक रविवार को लगने वाले आरोग्य मेले को मानसिक प्रताड़ना बताते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने रविवार में कार्य करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को केंद्र सरकार एवं श्रम कानूनों के अनुरूप अतिरिक्त भत्ते के रूप में दोगुना वेतन की धनराशी की मांग की थी जिस पर शासन द्वारा प्रतिकर अवकाश देने हेतु आदेश निर्गत कर दिये गए पर परिषद की मांग के अनुसार दोगुना मानदेय के विषय पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई।

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परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि कर्मचारी संघों जिसमें फार्मेसिस्ट एसो,नर्सेज संघ,लैब टेक्नीशियन एसो, एक्सरे टेक्नीशियन एसो, डेंटल हाइजीनिस्ट एसो,ऑप्टोमेट्रिस्ट एसो, फिजियोथैरेपिस्ट एसो, बेसिक हेल्थ वर्कर एसो, मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ,एन०एम०ए एसो,प्रयोगशाला सहायक (ग्राम्य),राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ,एल टी एसो संविदा, आयुष फार्मासिस्ट एसो के पदाधिकारियो ने आक्रोश व्यक्त किया कि सरकार द्वारा प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर हर रविवार को आरोग्य मेला लगाया जा रहा है।

उक्त चिकित्सालयों में सभी संवर्ग के केवल एक ही अधिकारी कर्मचारी तैनात हैं ।अतः चिकित्सालयो के कर्मी अब सप्ताह के सातों दिन कार्य कर रहे हैं । जिसमें कर्मचारियों का सामाजिक जीवन शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होगा।
एकल पदों के कारण कर्मचारियों को प्रतिकार अवकाश भी नहीं मिल पा रहा। सप्ताह के सातों दिन कार्य करने से कर्मचारियों को पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन भी रविवार साप्ताहिक अवकाश में ही करते हैं।

परिषद ने पूर्व में ही मांग की थी कि आरोग्य मेले रविवार की जगह किसी कार्य दिवस को आयोजित किए जाएं ,लेकिन शासन द्वारा मांग का संज्ञान नहीं लिया गया। कर्मचारियों में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए *परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया था कि यदि प्रत्येक रविवार को मेले में ड्यूटी लगाई जाती है तो नियमानुसार अतिरिक्त कार्य का भुगतान दोगुना वेतन के रूप में किया जाना न्यायोचित है। चूँकि सरकार द्वारा कुम्भ आदि मेलो में कार्य करने वाले कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन का भुगतान पूर्व से ही किया जाता रहा है।

इसलिए परिषद ने यह भी निर्णय लिया था कि यदि सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो 15 दिन के बाद मेले में कार्य करने वाले कर्मचारी काला फीता बांधकर सांकेतिक विरोध दर्ज कराते हुए कार्य करेंगे। पूर्व में लिये गए निर्णय के अनुसार दिनाँक 01 मार्च 2020 से प्रत्येक रविवार को आयोजित आरोग्य स्वास्थ्य मेला में कार्य करने वाले कर्मचारी काला फीता बांधकर सरकार का ध्यानाकर्षण करेंगे।

परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत महामंत्री अतुल मिश्रा ने मा मुख्यमंत्री जी द्वारा लिये गए आरोग्य स्वास्थ्य मेला के निर्णय को सराहनीय निर्णय बताते हुए उनसे मांग की है कि कर्मचारियों व उनके परिवार के दुःख दर्द को भी संज्ञान लेते हुए मेले में कार्य करने वाले कर्मचारियों को दोगुना वेतन देने का निर्णय करे।

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