एक बूंद ब्लड हो या थूक पता चल जाएगी जन्मजात बीमारियां

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लखनऊ। गर्भधारण करने से पहले अगर ंिचंता है कि शिशु में कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है, तो अब नयी तकनीक ने इसका निदान निकाल लिया है। महिला के एक बूंद या एक बूंद थूक (श्वाब) से जेनेटिक बीमारियों तथा अन्य बीमारियों की जानकारी मिल सकती है। यह जानकारी आगरा से आये डा नरेद्र मेहरोत्रा ने दी। उन्होंने बताया कि होम जीनोम टेस्ट में न्यूनेटल स्क्रीनिंग कहलाती हंै।

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डा. मेहरोत्रा ने बताया कि यह टेस्ट महंगा जरूर है, लेकिन शरीर में होने वाली बीमारियों संभावना का भी पता चल जाता है। उन्होंने बताया कि आजकल इस टेस्ट के माध्यम से महिला आैर पुरुष दोनों की जेनेटिक व अन्य बीमारियों की पहचान कर रहे है। उन्होंने बताया कि अगर महिला ने गर्भधारण कर लिया है तब नान इनोवेसिव प्रीनेटल टेस्ट से दिक्कतों का पता चल सकता है। इसकेसाथ ही थ्रीडी अल्ट्रासाउंड तकनीक से तीन हफ्ते के अंदर ही महिला आैर पुरुषों में होने वाली अलग- अलग विकृतियों व बीमारियों की पुष्टि हो सकती है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ गर्भधारण करने के बाद डिलीवरी तक आठ बार जांच होनी चाहिए, जबकि भारत सरकार के अनुसार यह चार बार ही है। उन्होंने बताया कि यह गाइडलाइंस नार्मल गर्भवतियों के लिए है। डॉ. मेहरोत्रा ने कहा कि जबकि यह जांचें नौ बार होनी चाहिए। सात महीने तक एक-एक जांच और उसके बाद 15-15 दिन पर जांच करानी चाहिए। इससे किसी भी प्रकार की समस्या को पकड़ने में आसानी होगी।

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