लखनऊ। गोमती नगर के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज कराने आने वाले गरीब मरीजों को नये साल में जोर का झटका लगने वाला है। यहां पर जल्द ही फ्री दवाये और एक रुपये के पर्चे पर इलाज की सुविधा ही समाप्त हो जाएगी। यहां पर भी पर्चे के लिए भी सौ रुपये शुल्क देना होगा।
हास्पिटल ब्लाक से बाल रोग विभाग को शहीदपथ पर स्थित रेफरल सेंटर में शिफ्ट करने के बाद दरअसल संस्थान प्रशासन अब अगले एक दो महीने में ही संस्थान की व्यवस्था को पूरे अस्पताल में शुरू करने जा रहा है। बताते चले कि लोहिया अस्पताल और संस्थान का जब विलय हुआ था, तो अस्पताल की व्यवस्था को दो साल तक बरकरार रखने की बात कही गई थी, लेकिन अब संस्थान का कहना है ही एक ही संस्था में दो व्यवस्था चलाने में दिक्कत आ रही है। इसलिए एक ही व्यवस्था के तहत अब इलाज किया जाएगा।
इस व्यवस्था को नये वर्ष में फरवरी में संस्थान लागू करने जा रहा है। संस्थान के जिम्मेदारों का कहना है कि हमारे पास दो विकल्प हैं या तो हम अस्पताल की व्यवस्था को संस्थान में लागू कर सभी कुछ फ्री कर दें या संस्थान की व्यवस्था को अस्पताल में लागू कर दें। पहले विकल्प में गुणवत्ता प्रभावित होगी और एक चिकित्सा संस्थान जिला अस्पताल में तब्दील हो जाएगा। इसे पीजीआई की तर्ज पर विकसित किया जाएगा ताकि यहां गुणवत्ता बनी रहे। शासन का भी निर्देश है कि संस्थान को और गुणवत्ता परक बनाना है।
निदेशक लोहिया संस्थान डा. एके त्रिपाठी का मानना है कि एक ही संस्था में दो नियम लागू करने में दिक्कत आ रही है। चूंकि अस्पताल भी अब संस्थान बन चुका है इसलिए यहां भी संस्थान के नियमों के तहत ही इलाज होगा, जिसमें हम जल्द ही लागू करेंगे।
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