गर्भसंस्कार से शिशु का कुछ यूं बनता है भविष्य

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लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं आरोग्य भारती अवध प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में गर्भसंस्कार विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कलाम सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कानपुर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता सारस्वत एवं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा द्विवेदी ने गर्भसंस्कार के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

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केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भटट् ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए गर्भसंस्कार के विषय पर कार्यक्रम आयोजित कराए जाने पर आयोजकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में मनुष्य के सोलह संस्कार के बारे में बताया गया है। उन्होंने बताया कि गर्भसंस्कार एक ऐसा विषय है कि जिसमें गर्भ में पल रहे बच्चे को कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिसके द्वारा भविष्य में मेधावान, शक्तिवान, बलवान और एक गुणवान पीढ़ी का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने महाभारत के अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए कहा कि अभिमन्यु ने चक्रव्यूह का भेदन करना गर्भ में ही सीखा था। उन्होंने कहा कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए उसकी मां को अगर उच्च कोटि के पौष्टिक भोजन दिया जाए तो गर्भ में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा होगा और भविष्य की पीढ़ी भी स्वस्थ होगी।

मुख्य वक्ता एवं स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. संगीता सारस्वत ने बताया कि गर्भ संस्कार के माध्यम से प्रतिभाशाली एवं संस्कारी बच्चों को प्राप्त किया जा सकता है। गर्भ संस्कार के माध्यम से जेनेटिक इंजीनियरिंग करके गर्भ के अंदर ही बच्चे को संस्कारी एवं गुणवान बनाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने मां द्वारा बच्चे को धीमे स्वर में भजन, संगीत, श्लोक आदि भी सुनाने से मां-बच्चे के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उचित बताया। कार्यक्रम में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ सीमा द्विवेदी ने बताया कि किस प्रकार से नियमित दिनचर्या का प्रभाव गर्भ में पलने वाले बच्चे पर पड़ता है और इसे अपनाने से बच्चे को किस प्रकार के मानसिक एवं शारीरिक लाभ होते हैं।

क्वीन मैरी अस्पताल की अधीक्षक डॉ. एसपी जायसवार, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. अमिता पाण्डेय, डॉ. दिपाली, डीन, पैरामेडिकल सांइसेज डॉ. विनोद जैन, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. शीतल वर्मा एवं अधिष्ठाता रेस्पीरेट्री मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय सिंह समेत अन्य चिकित्सक एवं एमबीबीएस, बीडीएस तथा पैरामेडिकल छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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