पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली हमारे बीच नही रहे।जेटली ने दिल्ली AIIMS में 24 अगस्त दोपहर 12:07 मिनट पर अंतिम सांसें लीं। उन्हें 9 अगस्त को यहां भर्ती कराया गया था।जेटली का राजनीतिक जीवन शानदार रहा है।वकील से राजनेता और मंत्री रहते उन्होंने कई बड़े निर्णय लिए।दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे।

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मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय संभालने वाले जेटली स्वास्थ्य कारणों से मोदी-2 सरकार में शामिल नहीं हुए थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बेहतरीन वकीलों के तौर पर होती रही। 80 के दशक में ही जेटली ने सुप्रीम कोर्ट और देश के कई हाई कोर्ट में महत्वपूर्ण केस लड़े। 1990 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर वकील का दर्जा दिया। वी.पी. सिंह की सरकार में उन्हें अडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद मिला था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा कर 1000 और 500 रुपये के नोट को प्रतिबंधित कर दिया था।दावा किया कि इस कदम से कालेधन पर लगाम लगेगी। नकली करेंसी पकड़ने में मदद मिलेगी। मोदी सरकार के इस फैसले को केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने ऐलान से महज 4 घंटे पहले मंजूरी दी थी। यानी पूरी रणनीति गोपनीय तरीके से बनी थी, जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली की मुख्य भूमिका थी।

जनधन योजना के तहत आज देश में 35.39 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खुले हैं। मोदी सरकार ने जनधन योजना की शुरुआत 2014 में की थी. इस योजना को सफल बनाने में अरुण जेटली का बड़ा योगदान है. जेटली की सफल रणनीति की वजह से ही आज मोदी सरकार इस योजना को अपनी बड़ी उपलब्धि बताती है।

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