लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्राक्टोरियल बोर्ड के निर्देशों को धता बताते हुए जूनियर मेडिकोज की रैगिंग करने वाले 13 सीनियर मेडिकोज अभी तक छात्रावासों को खाली नहीं किया है। जब कि केजीएमयू की प्राक्टोरियल बोर्ड ने तत्काल छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया था। यही नहीं चीफ प्राक्टर ने सीनियर मेडिकोज को क्लासेज से भी निलबिंत कर दिया था। बताया जाता है कि अब भी सीनियर जूनियर को शिकायत वापस लेने के लिए धमकी दे रहे है आैर इस कारण जूनियर मेडिकोज बुरी तरह से डरे हुए है। वह कम्यूनिकेशन के लिए मोबाइल तक को ऑन करने से डर रहे है।
बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर केजीएमयू प्राक्टोरियर बोर्ड व जिम्मेदार अधिकारियों के होश उड़ गये है। इसमें सीनियर मेडिकोज जूनियर की खुलेआम रैगिंग कर रहे है। यह जूनियर छात्रों को सीनियर मुर्गा बनाकर रैगिंग कर रहे हैं। मुर्गे की आवाज भी निकालने को मजबूर करते हैं। इसके अलावा विभिन्न तरीकों से रैगिंग करने का आरोप है। बताते चले कि एमबीबीएस 2017 बैच के आठ मेडिकोज ने रैगिंग की शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में 13 सीनियर मेडिकोज पर रैगिंग का आरोप लगाया था। पीड़ितों ने बयान में आरोप लगाया है कि सीनियर ने रात में आते वक्त एसपीएम विभाग की पार्किंग में पकड़ लिया । वहां मुर्गा बनाकर चलते हुए मुर्गे की आवाज निकालने का निर्देश दिया था। इसका विरोध करने पर पिटाई करने की धमकी दी थी। शिकायत के बाद चीफ प्रॉक्टर डॉ. आरएएस कुशवाहा ने आरोपित वर्ष 2015 व 2016 बैच के 13 मेडिकोज को कक्षाओं से निलंबित करते हुए हॉस्टल से निष्काषित कर दिया गया था।
केजीएमयू में कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के दावों के बावजूद रैगिंग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हालांकि चीफ प्राक्टर डा. अार एएस कुशवाहा का कहना है कि बोर्ड के सदस्य लगातार हास्टल पर निगरानी रखते हुए कार्रवाई कर रहे है। आरोपित सीनियर मेडिकोज ने हास्टल क्यों नहीं खाली कि या। इसकी जानकारी मांगी गयी है। उन्होंने बताया कि जूनियर मेडिकोज को व हेल्पलाइन नम्बर के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों के नम्बर भी दिये गये है। शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
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