लखनऊ। बीमार मरीज के साथ ही तीमारदारों की कोशिश होती है कि उनका मरीज जल्द भर्ती हो जाए आैर स्वस्थ होकर जा रहे मरीज के तीमारदारों भी जल्द डिस्चार्ज कराने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर लेना चाहते है। भर्ती आैर डिस्चार्ज होने की प्रक्रिया में अक्सर तीमारदार परेशान हो जाते है। उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए प्रक्रिया को आैर सरलीकरण करने की कोशिश प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से की जाएगी। यह बात डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान में नवनियुक्त चिकित्सा अधीक्षक डा. भुवन चंद्र तिवारी ने आैपचारिक बातचीत में कही।
डा. भुवन ने बताया कि लोहिया संस्थान उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा दे रहा है। इस कारण प्रदेश के विभिन्न जिलों से जटिल बीमारियों कैंसर, लिवर, किडनी, यूरोलॉजी, कार्डियक , न्यूरो सहित अन्य जटिल बीमारियों के मरीज आ रहे है। जिनको रूक लम्बे समय तक यहां पर इलाज कराना पड़ता है। दूर दराज से आना वाला मरीज सुबह से ओपीडी की लाइन में लग जाता है। ओपीडी में डाक्टर द्वारा भर्ती करने की हरी झंडी देेने के बाद वह भर्ती प्रक्रिया में जुट जाता है। वह चाहता है कि उसका मरीज जल्द से जल्द बिस्तर पर पहंुच जाए आैर इलाज शुरू हो जाए।
भर्ती कराने के लिए कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कमोबेश मरीज ठीक होकर जाना चाहता है तो उसे डिस्चार्ज टिकट के लिए भी कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें काफी वक्त गुजर जाता है। मरीजों व तीमारदारों की इस समस्याओं का निदान करने के लिए कोशिश की जाएगी। इसके अलावा मरीजों व तीमारदारों के साथ डाक्टरों के सुझाव लिया जाएगा। उनमें बेहतर सुझाव पर अमल भी किया जाएगा। इसके अलावा अन्य समस्याओं के मिलने पर निदेशक डा. एके त्रिपाठी के निर्देशों पर दूर किया जाएगा।
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