लखनऊ। सीएम के निर्देश के बाद किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में व्यवस्था नहीं सुधर रही है। आने वाले मरीजों को गेट पर स्ट्रेचर न मिलने पर उन्हें पांचवीं मंजिल तक पीआरओ दौड़ लगवा रहे हैं। बृहस्पतिवार दोपहर गंभीर हालत में महिला मरीज को लाए तीमारदार स्ट्रेचर के लिए पांचवें तल तक दौड़ लगाते रहे। महिला मरीज आधे घंटे तक जमीन पर पड़ी तड़पती रही। पीआरओ से तीमारदारों ने फरियाद की तो उसने खुद ही पांचवें तल स्ट्रेचर तलाशने की बात कहकर वापस लौटा दिया।
ट्रॉमा सेंटर प्रशासन लगातार 250 से अधिक स्ट्रेचर मौजूद होने का दावा करता आ रहा है। यहां आये दिन मरीजों को तीमारदार को मौके पर स्ट्रेचर नहीं मिलता है। बृहस्पतिवार दोपहर करीब ढाई बजे रायबरेली से गंभीर हालत में आई महिला मरीज ज्ञानवती (55) को झटके आने संग बेहोशी की हालत में थी। धीरज ने गेट पर स्ट्रेचर न मिलने पर पीआरओ आफिस में राजेश सिंह पहुंचा तो उसे दूसरे तल से पांचवें तल तीमारदार को दौड़ाया मगर स्ट्रेचर नहीं मिली। मरीज की हालत बिगड़ता देख पति उसे गोद में उठाकर कैजुल्टी में ले गया।
जहां से मरीज को दूसरे तल पर मेडिसिन विभाग में भेजा गया। पति मरीज ज्ञानवती को उठाकर थक गया, तो उसे जमीन पर लिटाकर स्ट्रेचर तलाशने पिता-पुत्र ट्रॉमा के तलों पर चक्कर लगाने लगे। करीब आधे घंटे बाद एक वार्ड ब्वॉय ने उनकी हालत देखकर खुद ही कहीं से तीमारदार को स्ट्रेचर लाकर दी, जिसके बाद उसे मेडिसिन विभाग में ले गए। इसी तरह राजाजीपुरम की रहने वाली महिला मरीज ज्योति को पेट में दर्द की शिकायत पर ट्रॉमा लाया गया। महिला तीमारदार स्ट्रेचर के लिए पीआरओ आफिस में संपर्क किया, तो दूसरी मंजिल पर महिला तीमारदार को भेज दिया। तीमारदारों का आरोप है कि पीआरओ मरीजों के तीमारदारों की नहीं सुनता है।
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