लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में 13 मार्च को कि ये गये लिवर प्रत्यारोपण किये जाने वाला मरीज 11 दिन बाद बेहतर है। उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, हालांकि विशेषज्ञों ने अभी मरीज को आईसीयू में रखा है, जबकि लिवर दान करने वाली महिला पूरी तरह से स्वस्थ है। अपनी इस कामयाबी की ऐतिहासिक घोषणा करने का इंतजार कर रहा है।
केजीएमयू के सर्जिक ल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डा. अभिजीत चंद्रा के साथ अन्य विशेषज्ञों की टीम ने पहली लिवर प्रत्यारोपण किया था। इस प्रत्यारोपण में मदद के लिए दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम को बुलाया था। लिवर प्रत्यारोपण के लिए केजीएमयू के विशेषज्ञों की टीम 15 दिन पहले से लगातार सभी पहलुओं को कसौटी परख रही थी।
सभी मानकों को उच्चस्तरीय स्तर पर खरा उतरने के बाद ही लिवर प्रत्यारोपण करने का निर्णय लिया गया। इस लिवर प्रत्यारोपण की खास बात यह थी कि लिवर मरीज के परिजन से लाइव लिया गया था आैर तुरंत लगा दिया गया था। लिवर दान पत्नी ने पति को किया था आैर लिवर प्रत्यारोपण सफल भी रहा है। प्रत्यारोपण के बाद विशेषज्ञों की टीम ने सभी सावधानियों का पालन करते हुए आइसीयू में दोनों को रखा गया। प्रत्यारोपण के तीसरे दिन से ही मरीज को नियमानुसार भोजन दिया जाने लगा था। लिवर दान करने वाली पत्नी की हालत में भी तेजी से सुधार हो रहा है।
बताया जाता है कि 11 दिन बीतने के बाद लिवर प्रत्यारोपित की हालत बेहतर है आैर वह भोजन को आसानी से पचा ले रहा है। बताया जाता है कि अभी तक विशेषज्ञों की कसौटी पर सभी मानक पूरे हो रहे है। लिवरदान करने वाली पत्नी तो आईसीयू के बाहर आ गयी है। जब कि मरीज को अभी आईसीयू में रखा गया है। बताया जाता है कि एक दो दिन के बाद केजीएमयू प्रशासन लिवर प्रत्यारोपण में सफल होने पर अधिकारिक घोषणा करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां लिवर प्रत्यारोपण में खर्च भी बहुत कम आएंगा।
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