लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन डाक्टरों की चल रही निजी प्रैक्टिस पर कड़ी कार्रवाई करने में मूड में है। संस्थान प्रशासन सभी डाक्टरों से नया शपथ पत्र (बांड) लेने की तैयारी है। इससे निजी प्रैक्टिस में लिप्त डाक्टरों में हड़कम्प मच गया है।
लोहिया संस्थान के काफी संख्या में विशेषज्ञ डाक्टर निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज ही नहीं सर्जरी भी करने जाते है। इसकी शिकायत लगातार लोहिया संस्थान के पास आती रही है। चर्चा है कि संस्थान में एनेस्थिसिया, सर्जरी, यूरोलॉजी, आंको के अलावा अन्य विभागों के डाक्टर निजी अस्पतालों में ऑफ द रिकार्ड जुड़े है। स्थानीय स्तर पर निजी अस्पतालों के अलावा आस-पास जनपदों में भी यहां के डाक्टर नर्सिंम होम से जुड़े है आैर ऑन काल इलाज करने जाते है।
यहीं नहीं संस्थान में लम्बी वेंटिग के कारण मरीजों का नर्सिंग होम में इलाज शुरू हो जाता है। बताया जाता है कि पूर्व निदेशक के कार्यकाल में भी प्राईवेट प्रैक्टिस की शिकायत आती रहती थी, परन्तु विभागों के विशेषज्ञों की वर्चस्व की जंग में दबाव बन जाता था आैर कार्रवाई नहीं हो पाती थी। परन्तु संस्थान मे प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था को सुधारने में परिवर्तन होना शुरु हो गया है। संस्थान के विभिन्न फैकल्टी में तैनात लगभग 149 डाक्टरों ने नया शपथ पत्र लिये जाने की तैयारी है।
यह शपथ पत्र तत्काल बनवाया गया होगा, जिसमें प्राइवेट प्रैक्टिस न करने का शपथ पत्र लिया जाएगा। बताया जाता है कि शपथ पत्र लिये जाने की सुगबुगाहट शुरु होने के बाद ही कुछ विभागों के विशेषज्ञों ने विरोध करते हुए कहा है कि जब नौकरी शुरू की थी तब शपथ पत्र दिया गया था, लेकिन संस्थान प्रशासन तत्काल का शपथ पत्र चाहता है कि वह विशेषज्ञ प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर रहा है। बताया जाता है कि इसके बाद सीधे कार्रवाई कर सकेगा लोहिया संस्थान प्रशासन।
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