लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीजों के इलाज के साथ ही नहीं उनकी व्यवस्था में भी लापरवाही बरती जा रही है। उनके बिस्तर पर बिछाई जाने वाली चादर में भी खेल हो रहा है। बेड शीट के नाम पर पुरानी और फटी चादर मरीजों के बिस्तर पर बिछाई जा रही है। लगातार कई विभागों से शिकायतें आने बाद भी अफसर कोई सुध नहीं ले रहे थे। केजीएमयू के प्रशासनिक व्यवस्था में हड़कंप तब मचा, जब मंगलवार को न्यूरोलॉजी विभाग प्रमुख ने मरीजों के बेड पर बिछाई जाने वाली फटी चादर की फोटो संग शिकायत दर्ज कराई। विभाग प्रमुख ने लिखा लाड्री से धुलने बाद आने वाली चादर फटी है।
ऐसे में फटी चादर बेड पर डालने पर तीमारदार भी आपत्ति भी दर्ज करा रहे है। केजीएमयू प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हुए लाड्री संचालक को नोटिस जारी करके जवाब तलब कर लिया है। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि लाड्री से दोबारा शिकायत आई तो अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा।
केजीएमयू के विभिन्न विभागों में 3700 बेड हैं। करीब 6 हजार से अधिक बेड शीट हैं। मरीज की बेड शीट की धुलाई का अनुबंध केजीएमयू ने वर्ष 2015 में श्री इंटरप्राइजेस पांच साल के लिए किया था। केजीएमयू से हर रोज करीब 800-900 चादर धुलवाने के लिए लाड्री भेजी जाती है। जहां से वापस आने वाली चादर फटी-कटी निकल रही थी। कई शिकायतें होने बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं हो रहा था। मंगलवार सुबह न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. आरके गर्ग ने फटी चादरों की फोटो खींचकर अफसरों से लिखित शिकायत दर्ज कराई।
अफसरों ने आनन फानन में लाड्री संचालक की खामी छिपाने के लिए पैतरेबाजी शुरू कर दी। केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि लाड्री से आने वाली फटी चादर मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया गया है।
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