लखनऊ। सही खान-पान होने से अगर गर्भावती कुपोषण की चपेट में आती है तो गर्भस्थ शिशु के किडनी का विकास प्रभावित हो सकते है। इसमें नेफ्रान का आकार और संख्या कम हो सकती है। इस कारण गर्भस्थ को किडनी की दिक्कत हो सकती है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान महिलायें पोषण के प्रति सजग रहें। यह जानकारी बुधवार को पीजीआई के
नेफ्रोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अमित गुप्ता और डॉ. नारायण प्रसाद ने संयुक्त रूप से दी।
डॉ. प्रसाद ने बताया कि यहां की ओपीडी में आने वाले मरीजों में से करीब 10 फीसदी मरीज गंभीर हालत में पहुंचते हैं। 40 फीसदी ऐसे होते हैं, जिनमें दवाइयों के सहारे गुर्दे में धीरे-धीरे सुधार हो रहता है। 50 फीसदी मरीज एक्यूट किडनी इंजरी के होते है, जो दवा से ठीक हो जाते है।
इन टिप्स को अपना कर बच सकते है किडनी की बीमारी से….
- साफ पानी पीयें, नियमित व्यायाम करें, पौष्टिक आहार लें, तम्बाकू- गुटखा का सेवन न करें, धूम्रपान से बचें।
यह सर्तक ज्यादा रहे - डायबिटीज और हार्ट के मरीज, मोटापा , किडनी की पथरी वाले लोग, 60 वर्ष से़ अधिक के लोग और अनुवांशिक मधुमेह एवं ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग खासकर सावधानी बरतें।
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