लखनऊ – प्रदेश सरकार का दावा किया है कि बेहतर व उच्चस्तरीय उपचार एवं जागरूकता के चलते एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम (ए.ई.एस.) एवं जापानीज इन्सेफलाइटिस (जे.ई.) पर प्रभावी नियंत्रण लगा है, हालांकि अभी इस दिशा में अभी काफी काम की जरूरत है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव प्रशान्त त्रिवेदी ने शुक्रवार को जेई एवं एईएस रोग से संबधित एक समीक्षा बैठक के दौरान कहा की बीमारी की रोकथाम एवं प्रभावी नियंाण के लिये गतिविधियों का क्रियान्वयन सभी संबंधित विभाग बेहतर समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि बेहतर उपचार सुविधाओं के कारण गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष एईएस एवं जेई से प्रभावित रोगी मृत्यु दर के प्रतिशत में कमी आई है। सभी स्तरों पर संबंधित कर्मियों का प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता संवर्धन किया जाय। उन्होंने इस रोग के नियनण एवं रोकथाम हेतु अन्तर्विभागीय सहयोग पर विशेष जोर दिया।
प्रमुख सचिव ने बताया कि उपचार सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिये आजमगढ़, मऊ, गोण्डा, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर में छह नवीन पी.आई.सी.यू. (पीडियाट्रिक इन्सेंन्टिव केयर यूनिट) की स्थापना से 30 शैय्याओं की वृद्धि की गई। इसी तरह गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर में 15 मिनी पी.आई.सी.यू. की स्थापना से 45 शैय्याओं की वृद्धि की गई।
बैठक में सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वी. हेकाली झिमोमी, मिशन निदेशक एनएचएम पंकज कुमार सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.