35 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन की चपेट में…

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लखनऊ। अमेरिकन कालेज ऑफ फिजिशयन (एसीपी) इंडिया का चैप्टर सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हो गया। सम्मेलन शुभारंभ पोस्टर प्रेजेंटेशन के साथ ही ऑर्गनाइजिंग चैयरमेन डॉ. नरसिंग वर्मा ब्लड प्रेशर को कैसे सही नापा जाये, इसकी जानकारी देते हुए बताया कि देश मे 35 प्रतिशत आबादी हाइपरटेंशन से ग्रसित है। सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञ गवर्नर ऑफ एसीपी एवं ऑर्गनाइजिंग प्रेसिडेंट डॉ. बी मुर्गनाथन , डा. अनुज माहेश्वरी ने पेसेंट केयर पर भी जानकारी दी।

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डा. वर्मा ने कहा कि वर्तमान में ग्रामीण और शहरी इलाको का अंतर कम हो गया है। ग्रामीण इलाकों में भी हाइपरटेंशन के मरीजों की तादात बढ़ी है। मरीजों का ब्लड प्रेशर नापना इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि इसकी वजह से चार जीवन के लिए आवश्यक अंगो जैसे हार्ट, गुर्दा, ब्रोन एवं धमनियों पर दुष्प्रभाव पड़ता है तथा यह इसकी वजह से खराब भी हो सकते है। अगर हम सही उपचार करते है, तो इससे 37 प्रतिशत स्ट्रोक की समस्या को कम किया जा सकता है।
वर्कशॉप में नर्सिंग, फार्मेसी, एवं मेडिकल विद्यार्थियों को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दिया गया।

सम्मेलन में गवर्नर ऑफ एसीपी एवं ऑर्गनाइजिंग प्रेसिडेंट डॉ. बी मुर्गनाथन ने बताया कि वर्तमान समय मे घर पर जिस प्रकार ब्लड शुगर मॉनटरिंग प्रचलित है उसी प्रकार अब समय है कि बीपी मॉनिटरिंग भी घर किया जाए। और बीपी की वजह से होने वाले विभिन्न प्रकार के जीवन के खतरों को कम किया जा सकता है। बीपी को सही रखकर 60 प्रतिशत के हार्ट अटैक खतरे को कम किया जा सकता है। सम्मेलन में कोचीन के अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस डॉ. विद्या मेनन द्वारा बताया गया कि भारत जैसे देश में हॉस्पिटल मेडिसिन की बहुत ज्यादा जरूरी है। यहां की 60 प्रतिशत आबादी अपने जेब से बीमारियों पर खर्च करता है।

हॉस्पिटल मेडिसिन भर्ती मरीजों पर फोकस होता है। इसमे इंटरनल फिजिसियन द्वारा विभिन्न स्पेशलिस्ट डाक्टर के टीम के साथ मिलकर पेसेंट केयर किया जाता है। इससे मरीज जल्दी ठीक होकर घर जाता है और इससे स्पेशलिस्ट डाक्टरों का समय बचता है जिससे वो ज्यादा से ज्यादा मरीजो को देख पाता है। इससे मरीजो को संतुष्टि भी मिलती है। हॉस्पिटल मेडिसिन में पूरा फोकस मरीजो पर होता है, इससे उसकी संतुष्टि बढ़ जाती है और वो जल्दी ठीक होकर घर चला जाता है, जिससे उसे कम पैसे भी खर्च करने पड़ते है।

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