न्यूज डेस्क। गर्मियों में पर्यटकों के घूमने का केन्द्र रहने वाले शहर शिमला में अब हॉर्न नहीं बजेंगे। राज्य सरकार ने इस पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है, लेकिन इन प्रतिबंधों से एम्बूलेंस और फायर ब्रिागेड वाहन को अलग रखा गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यहां सार्वजनिक स्थानों पर हॉर्न नहीं बजाने सम्बंधी तीन माह के एक अभियान की शुरूआत की है। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि शिमला शहर अब देश में हॉर्न फ्री होगा और यहां हॉर्न बजाना कुछ दिनों में अब बीते समय की बात हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल के काठमांडु शहर की तर्ज पर शिमला को भी शांतिपूर्ण शहर घोषित कर दिया गया है। यहां अब वाहनों के कानफोड़ू आैर तरह- तरह के हॉर्न लोगों को परेशान नहीं करेंगे, लेकिन इन प्रतिबंधों से एम्बूलैंस और फायर ब्रिागेड वाहनों को मुक्त रखा गया है।
उन्होंने कहा कि शिमला में देश व विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और वे यहां के ठंडे वातावरण में शांति और प्राकृतिक सौंदर्य तलाशते है। इस लिए सरकार चाहती है कि यह शहर पर्यटकों की उम्मीदों पर खरा उतरे। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाहर से यहां आने वाले पर्यटकों के वाहन अगर सार्वजनिक स्थलों पर हॉन बजाएंगे,तो उनका चालान किया जाएगा। राज्य में वर्ष 2017-18 में लगभग दो करोड़ पर्यटक आये जिनमें से लगभग 35 लाख ने शिमला आकर लुत्फ उठाया।
बताते चले कि राज्य की वर्तमान सरकार इससे पहले यहां पेड़ों के कटान, प्लास्टिक बोतल, पॉलीथीन बैग, थर्मोकोल उत्पाद, शराब की थैलियों तथा तम्बाकू और धूम्रपान पर रोक लगा चुकी है।
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