लखनऊ। प्रदेश में पहली बार 3डी प्रिटिंग तकनीक का प्रयोग करते हुए गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डा.दीपक ने सिर की टूटी हड्ढी को सर्जरी करके जोड़ दिया। यही नहीं दिमाग में जम रहे ब्लड क्लांिटंग को भी निकाल दिया। इस नयी तकनीक के प्रयोग के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है। डा. दीपक का दावा है कि इस तकनीक से प्रदेश में पहली बार न्यूरो सर्जरी करके सिर की टूटी हड्डी को जोड़ा गया है।
वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. दीपक ने बताया कि बाराबंकी निवासी हसलैन तीन महीने पहले एक्सीडेंट में घायल हो गये थे। उनके सिर में चोट लगी थी, जिसके कारण उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था।
जांच में पता चला कि उनके दिमाग में ब्लड क्लाटिंग के अलावा फ्रंटललोब की हड्डी भी टूटी हुई है। इस कारण उनकी हालत में सुधार नही हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके सिर की सर्जरी करने के निर्णय लिया गया। सबसे पहले के दिमाग में ब्लड क्लाटिंग को दवाओं का प्रयोग करते हुए निकाला गया। ब्लड क्लाटिंग निकलने के बाद फ्रंटललोब की हड्डी को जोड़ना काफी चुनौती पूर्ण काम था। लेकिन मरीज की हालत को देखते हुए फ्रंटल लोब को 3डी तकनीक से जोड़ने का निर्णय लिया गया। 3डी तकनीक में टाइटेनियम की धातु का प्रयोग कि या जाता है। टाइटेनियम को 3डी तकनीक का प्रयोग करने के लिए बैगंलुरु स्थित एक कम्पनी की मदद लिया गया।
वहां से 3डी तक नीक से बन कर फ्रंटललोब को जोड़ने केलिए टाइटेनियम को प्लेट बन कर आयी। इसके बाद उनके साथ उनकी टीम ने उनके साथ सिर की हड्डी को काट कर फ्रंटल लोब को 3डी तकनीक की प्लेट को सर्जरी करते हुए फिंक्स किया गया। फिक्स होने के बाद अब मरीज स्वस्थ है आैर अब उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है। डा. दीपक ने बताया कि 3डी तकनीक का प्रयोग में लगभग 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आया है। उनका दावा है कि इस तकनीक से यूपी में पहली बार सिर की सर्जरी की गयी है।
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