लखनऊ। राजधानी में इंसेफेलाइटिस के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में सोमवार को 23 वर्षीय आशुतोष की मौत इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मौत हो गई . बुधवार को सीएमओ कार्यालय से अधिकारियों की टीम मृतक के घर पहुंची। बीमारी को फैलने से रोकने के लिए टीम ने परिजनों और आसपास क्षेत्रों में ब्लड के सैंपल कलेक्ट किए और साथ ही एंटीलार्वा का छिड़काव कराया। बुधवार को स्वास्थ विभाग की टीम आदर्श नगर कॉलोनी खण्ड एक कंचनपुर मटियारी पहुंची और 50 से ज्यादा घरों को निरीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीस से भी ज्यादा स्लाइड तैयार किया। वहां पर एंटीलार्वा और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवाया गया है। उधर मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया हुए इसकी जांच की मांग की है।
चिनहट के आदर्श नगर कॉलोनी खण्ड एक कंचनपुर मटियारी के रहने वाले गुलाब गौतम का 23 वर्षीय बेटा आशुतोष गौतम को काफी दिनों से तेज बुखार आ रहा था। आस-पास से बुखार की दवा लेने के बाद बीमारी में कोई राहत न मिलने पर परिजनों ने उसे बीते 26 तारीख को गोमतीनगर स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था। लोहिया के चिकित्सा अधीक्षक डा. एमएल भार्गव ने बताया कि मरीज को तेज बुखार था, जांच में टीवी के भी लक्ष्ण पाये गये थे। बेहोसी में रिलीफ न मिलने पर उसे 31 तारीख को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में कुछ दिन इलाज होने के बाद उसकी मौत हो गयी। मेडिकल कॉलेज डाक्टरों ने जब मरीज की सीएसएफ जांच करायी तो एईएस की पुष्टि हुई। इसके बाद पूरे महकमें में हड़कम्प मच हुआ है। एडिशनल सीएमओ केपी त्रिपाठी ने मेडिकल कालेज से मरीज की फाइल तलब कर की है।
बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक विकाशेंदु अग्रवाल व एडिशनल सीएमओ केपी त्रिपाठी अपनी टीम की साथ कंचनपुर मटियारी पहुंचे। उनके साथ इंदिरानगर और चिनहट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की टीम भी पहुंची। डा. त्रिपाठी ने बताया कि वहां 65 घरों का निरीक्षण किया गया 105 कूलर चेक किये गये। और 285 लोगों को एहतियान दवा दी गयी। इलाके में एंटी लार्वा और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी कराया गया। उधर मृतक आशुतोष गौतम के पिता गुलाब गौतम व माता गुड़िया गौतम ने इलाज में लापरवाही का अरोप लगाते हुए इसकी जांच करने की मांग की। गुलाब गौतम और गुड़िया का रो-रो कर बुरा हाल है। उन लोगों ने बताया कि बीते सोमवार को मेडिकल कॉलेज में उचित इलाज ने मिलने पर उसके नौजवान बेटे ने दम तोड़ दिया।
संचारी रोग जिला प्रभारी एडीशनल डा. केपी त्रिपाठी ने बताया कि आकड़े छुपाए नहीं जा रहे हैं। स्टाफ से प्रतिदिन की रिपोर्ट बनाने का निर्देश दूंगा। वहीं जहां से मरीज पाए जा रहे हैं, उन क्षेत्रों में बीमारी के कारकों को दूर करने का प्रयास जारी है। एईएस के मरीज की मौत की रिपोर्ट आई है। ऑडिट के बाद कारण कंफर्म होगा। इस वर्ष लखनऊ में अब तक 404 मरीजों में एईएस की पुष्टि हो चुकी है, इसमें एक की मौत हो चुकी है। फिलहाल, रोकथाम के प्रयास चलाए जा रहे हैं।
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