ट्रामा सेंटर में यह बदली व्यवस्था

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्साविश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में एक जून से व्यवस्था बदल गयी है। रेजीडेंट व कर्मचारियों की मांग पर सुरक्षा एजेंसी को बदल दिया गया है। अब मुख्यगेट पर बांउसर भी तैनात होंगे। इसके अलावा मरीजों के तीमारदारों की मदद के लिए पीआरओ की संख्या भी बढ़ा दी गयी है। जल्द ही स्ट्रेचर पर भर्ती बंद होने के साथ ही विभागों में बिस्तरों की पोजीशन को दिखाने के लिए डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया जाएगा।

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ट्रामा सेंटर में लगातार रेजीडेंट डाक्टरों व कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाओं को देखते हुए तैनात सुरक्षा एजेंसी को बदलने की मांग की गयी थी। कुछ दिन मारपीट की घटना में रेजीडेंट डाक्टर्स ने तीन घंटे की हड़ताल के बाद सुरक्षा की मांग करते हुए तैनात सुरक्षा एजेंसी को बदलने की मांग की थी। केजीएमयू प्रशासन ने भी रेजीडेंट डाक्टर्स की मांग को मानते हुए आज (एक जून) को सुरक्षा एजेंसी बदल गयी। सुरक्षा एजेंसी के साथ ही कल से गेट पर बाउंसर भी तैनात होंगे। सर्तकता के लिए संवेदनशील विभाग के आस-पास भी गार्ड तैनात होगे। इसके अलावा मरीजों के तीमारदारों की मदद के लिए छह पीआरओ की संख्या बढ़ाकर दस कर दी गयी है।

यह पीआरओ अब हर तरह से कार्यालय में मौजूद होकर जानकारी देंगे। इसके अलावा ट्रामा सेंटर में मरीजों के बेहतरीन इलाज करने के लिए अब उपलब्ध बिस्तर के आधार पर ही इलाज किया जाएगा। स्ट्रेचर पर भर्ती धीरे-धीरे बंद कर दी जा रही है। स्ट्रेचर सिर्फ मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने के लिए ही प्रयोग किये जाएंगे। इसके अलावा ट्रामा सेंटर में प्रवेश करते ही मरीजों को बिस्तर की जानकारी के लिए डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया जाने का प्रस्ताव है, ताकि मरीज को विभागों में उपलब्ध बिस्तर की जानकारी दी जा सके। उसके बाद ही मरीजों को भर्ती किया जा सके। राजधानी के अस्पताल व आस-पास जनपदों के जिला अस्पतालों को निर्देश दे दिया जाएगा। मरीज को रेफर करने से पहले बिस्तर की उपलब्धता की जानकारी ले ले। ऐसे में मरीज को लौटाया भी जा सकता है।

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