लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में बृहस्पतिवार दोपहर उल्टी-दस्त से ग्रसित बच्चें की मौत हो गई। तीमारदारों ने डॉक्टर व स्टॉफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हंगामा किया। तीमारदारों का आरोप है कि इमरजेंसी में फाइल बनाने दौरान करीब एक घंटा बीत गया। इस दौरान बच्चे की हालत बिगड?े लगी। आनन फानन में बच्चे को ऑक्सीजन लगाया गया मगर उसकी मौत हो गई। उधर फैजुल्लागंज निवासी 16 वर्षीय किशोर की भी तेज बुखार आैर लाल चकत्ते की शिकायत थी। परिजन स्थानीय अस्पताल में इलाज करा रहे थे। हालत गंभीर देखते हुए मरीज को केजीएमयू रेफर किया गया। जहां उसकी मौत हो गयी।
हसनगंज कोतवाली के पीछे रहने वाले मो. जावेद का बेटा तजरियान (8) माह उल्टी-दस्त से पीड़ित था। तीमारदार बच्चें का पहले निजी अस्पताल से उपचार करा रहे थे। बृहस्पतिवार सुबह अचानक बच्चें की हालत बिगड?े लगी। तीमारदार आनन फानन में बच्चें को लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी ले गए। जहां इलाज मुक मल होने तक करीब एक घंटा बीत गया। बच्चे की सांसे उखड?े लगी। आनन फानन में डॉक्टरों ने उसे फस्र्ट लोर इमरजेंसी वार्ड में भेजा। वहां पर जूनियर डॉक्टरों ने बच्चें को ऑक्सीजन लगाने संग ड्रिप लगाने की तैयारी कर रहे थे तभी बच्चें ने दम तोड़ दिया। पिता जावेद का आरोप है कि इमरजेंसी में मरीज की फाइल बनाने व वार्ड में भेजने में करीब एक घंटा बीत गया। इस दौरान इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। नाराज तीमारदारों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हंगामा किया। हालांकि कर्मचारियों ने उन्हें किसी तरह शांत कराया।
सरकारी शव वाहन से भेजा गया शव
तीमारदारों का आक्रोश बढ़ता देख अस्पताल कर्मचारियों ने उनका ढाढंस बंधाने में जुटे गए। तीमारदारों ने शव वाहन मंगवाने के लिए पैसे न होने की बात कही, जिसके बाद डॉक्टर ने बलरामपुर अस्पताल के वाहन से शव घर भेजा।
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