दवा लेने पर भी सुबह सिरदर्द रहे तो हो सकती है जटिल बीमारी

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लखनऊ। अगर सुबह उठने के तुरंत बाद सिर दर्द होने लगे आैर लगातार एक दो हफ्ते बना रहे आैर पेन किलर दवाओं का सेवन करने के बाद भी आराम न मिले, तो विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श लेकर जांच कराना चाहिए। यह ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते है। यह जानकारी डा.राम मनोहर लोहिया संस्थान के आंकोलॉजी विभाग के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट असिस्टेंट प्रो. अजीत कुमार गांधी ने पत्रकार वार्ता में दी। प्रो. गांधी बुधवार को होटल क्लार्क अवध में ब्रेन ट्यूमर जागरूकता पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कभी कभी सिर दर्द के साथ उल्टी होने का भी अहसास होता है। अक्सर बच्चों में भी यह हो सकता है। इसलिए तत्काल विशेषज्ञ डाक्टर से मिलना चाहिए आैर घबराना नहीं चाहिए ज्यादातर ब्रोन ट्यूमर का इलाज सम्भव है।

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अगर शुरुआती दौर में पता चल जाए तो आैर इलाज आसान हो जाता है। प्रो. गांधी ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के मामल लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं जो आबादी ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित है,उनमें से 20 प्रतिशत बच्चे होते हैं। ब्रेन ट्यूमर्स होने का सही कारण अभी भी मालूम नहीं है। शोध में जो कारण निकल कर सामने आयें हैं,उनमें से कीट नाशक एवं केमिकल्स, रेडिएशन थेरेपी, कुछ मामलों में अनुवांशिक कारण ब्रेन ट्यूमर्स का जोखिम बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर बीमारी के बारे में जागरुकता जरूरी है। हल्के ब्रेन ट्यूमर वाले मरीजों का इलाज से उपचार हो जाता है। कुछ तरह के कैंसर शरीर के लीवर,आंत,किडनी,स्तन,फेंफड़े तथा अन्य जगहों पर होते हैं, जिसके बाद वह शरीर में फैल जाते हैं, जिससे सेकंडरी ब्रेन कैंसर होता है।

उन्होंने बताया कि ब्रोन ट्यूमर की जांच दिमाग के न्यूरोलॉजिकल परीक्षण एवं इमेजिंग द्वारा की जाती है। इसका इलाज आम तौर पर ट्यूमर का ‘ मैक्सिमल सेफीं सर्जिकल रिसेक्शन होता है। जिन ट्यूमर का ऑपरेशन संभव न हो या हाई ग्रेड ट्यूमर (सर्जरी के बाद भी) के मामले में रेडिएशन थेरेपी का सुझाव दिया जाता है। एसआरएस, एसआरटी, गामा नाईफ एवं साईबर नाईफ के साथ अत्यधिक केंद्रित रेडिएशन थेरेपी से कम टॉक्सिसाईट इनेबल होते हैं। कुछ विशेष ब्रेन ट्यूमर्स में कीमोथेरेपी की सीमित भूमिका होती है। टारगेटेड थेरेपी, इम्युनोथेरेपी एवं नॉवेल थेरेपी जैसे ‘ट्यूमर इलाज के अन्य विकल्प हैं।

  • सिर में असामान्य दर्द
  • सुबह के समय सिर में होने वाला गंभीर दर्द
  • उल्टी खास कर बच्चों में
  • दौरे पडना
  • स्मरण, व्यक्तित्व या व्यवहार में परिवर्तन
  • आंखों की समस्य यानी डबल विजन, अंगों की कमजोरी आदि शामिल हैं। च्ततचत

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