लखनऊ। प्रदेश में जहां एक तरफ अन्य जगहों से इलाज को लेकर उदासीनता की खबरें आ रही हैं ,उनके बीच केजीएमयू के ट्रामा सेन्टर में मरीजों के लिए डाक्टर धरती के भगवान बने हुए हैं। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला। सड़क हादसे में एक युवक के सीने के आरपार हुए लोहे के एंगल के बावजूद किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रामा सेन्टर के डाक्टरों ने उसे नया जीवन दिया जबकि एंगल घुसने से उसका फेफड़ा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। छह बोलत खून चढ़ाने के बाद करीब साढ़े तीन घण्टे चले ऑपरेशन के बाद मरीज की जान बच सकी । इतना ही नहीं नौ दिनों तक डाक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद मरीज को पूर्णरूप से स्वस्थ्य करके छुट्टी कर दी।
सड़क दुर्घटना में फेफड़े के आर -पार हो चुका था एंगल
शनिवार को मरीज अपने बेहतर इलाज के लिए डाक्टरों का शुक्रिया भी अदा करने आया। इस मौके पर सर्जरी करने वाले टीम का नेतृत्व करने वाले प्रो. संदीप तिवारी ने बताया कि २७ अगस्त की रात गोण्डा निवासी समीर मिश्रा (२६) कार से जा रहे थे। कुर्सी रोड पर डीसीएम से टक्कर होने पर कार सवार दो युवकों के लोहे के एंगल सीने के आरपार हो गये, इनमें एक की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि बुरी तरह से घायल समीर को ट्रामा सेन्टर में एडमिट कराया गया। एंगल घुसने के कारण मरीज सीधा लेट भी नहीं सकता है, जिससे मरीजों को उसकी सर्जरी करना चुनौती बन गया। फेफड़ को हटाकर उसे सील किया गया। गत पांच सितम्बर को मरीज जब पूर्णरूप से स्वास्थ्य हो गया, तो उसकी छुट्टी की गयी।
सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम
विभागाध्यक्ष प्रो.संदीप तिवारी, प्रोफेसर डॉ.समीर मिश्रा, एसि.प्रोफेसर डॉ.अनिता सिंह, एसआर डॉ.अनुराग, डॉ.अंकित सचान, सीवीटीएस के एसआर डॉ.अजय पांडेय, एनेस्थिसिया के एसआर डॉ.निधि शुक्ल एवं स्टाफ नर्स सुजाता व ओटी टेक्रीशियन अखिलेश ने छह घंटे तक ओटी में अथक परिश्रम कर मरीज की जान बचा ली।