लखनऊ. नवाबों के शहर लखनऊ में लंबे समय से इंतजार के बाद बुधवार को मेट्रो ट्रेन के पटरी पर दौड़ी. तकनीकी खराबी के चलते बीच में ही रुक गई और आगे नहीं बढ़ सकी. बड़े ही अरमान से मेट्रो में सफर करने चले गए यात्री बीच में ही ट्रेन रुकने से घबरा गए और हड़कंप मचा. आनन फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन कर यात्रियों को बाहर निकाला गया. मवैया स्टेशन के पास खराब हुई मेट्रो ट्रेन को तत्काल ठीक ना हो पाने की स्थिति में उसे दूसरी ट्रेन से खींचकर चारबाग स्टेशन के पास लाया जा रहा है.
इससे पहले सभी यात्रियों को बाहर निकालने के बाद मेट्रो संचालक के अधिकारियों का दावा है सभी यात्री सुरक्षित हैं. बीच रास्ते में मेट्रो ट्रेन से निकाली गई शालिनी ने बताया बड़ी खुशी खुशी चढ़े थे लेकिन रास्ते में बीच पुल में ट्रेन रुक जाने से धड़कने बढ़ गई समझ नहीं आ रहा था कि बाहर कैसे निकला जाएगा. कई बुजुर्गों को निकालने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. बताते चलें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मेट्रो ट्रेन का दोबारा उद्घाटन किया था. मेट्रो को आज सुबह 6:00 बजे से आम लोगों के लिए संचालन किया जाना था लेकिन बीच में ही खराब हो जाने के कारण उसे रोक दिया गया. मौके पर पहुंचे मेट्रो ट्रेन के इंजीनियरों को पहले चरण में खराबी पकड़ में ही नहीं आई. कई बार जांच पड़ताल करने के बाद उन्होंने सिग्नल में तकनीकी खराबी होना बताया. उधर दूसरे स्टेशनों पर मेट्रो का इंतजार कर रहे यात्री परेशान होकर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे और अपना टोकन जमा करने लगे तो वहां लगे उपकरण में उन्हें बाहर ही नहीं निकलने दिया.
यात्री बाहर क्यों नहीं निकल पा रहे थे इसका जवाब मेट्रो ट्रेन संचालकों के पास भी नहीं था. यात्री गुस्से में थे और मेट्रो अधिकारियों के पसीने छूट रहे थे उन्हें कुछ समझ नहीं पा रहे थे एक दूसरे अधिकारियों पर सवाल का जवाब डालकर बचने की कोशिश कर रहे थे. फिलहाल पहले दिन ही मेट्रो ट्रेन के फेल हो जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है लोगों का कहना है लंबे समय से मेट्रो ट्रेन की तकनीकी जांच की जा रही थी इसके बावजूद अभी तक इसका संचालन नहीं हो पा रहा है लोगों का कहना है इसमें भी कुछ घोटाला हो गया है फिलहाल मेट्रो ट्रेन को दुरुस्त कर के द्वारा संचालन की कोशिश की जा रही है.
मेट्रो रेल प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया कि लगभग आधे घंटे बाद ट्रेन ठीक हो गई लेकिन तब तक टिकट और टोकन बेकार हो गए थे.