लखनऊ। स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया आैर बुखार एक बड़ी बीमारी बना तो प्रमुख सरकारी अस्पतालों में इन रोगियों के लिए अलग ओपीडी बनायी है। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत पर्चा, इलाज आैर दवा सब एक ही जगह मिलेगा, इससे अन्य मरीज न आए। ओपीडी के बाद इमरजेंसी में मरीज अपना उपचार करा सकेंगे। फिजीशियन, महिला रोग विशेषज्ञ आैर बाल रोग चिकित्सकों को निर्देश दिये गये हैं कि यदि कोई बुखार पीड़ित मरीज आए तो उसे आरक्षित ओपीडी के लिए रेफर करें।
अस्पताल प्रशासन का दावा है कि जिस स्टाफ की ड¬ूटी बुखार ओपीडी के लिए लगायी गयी, उनको स्वाइन फ्लू से बचाव की वैक्सीन लगवायी जा चुकी है। इसके अलावा एन-95 मास्क भी मुहैया कराया गया है। बलरामपुर अस्पताल में ओल्ड स्पेशल पांच में बुखार रोगियों का उपचार होगा। वहीं पास में दूसरे कमरे में स्वाइन फ्लू की जांच के नमूने लिए जाएंगे। प्रात: आठ से अपराह्न दो बजे तक ओपीडी चलेगी। यहां रोजाना बुखार पीड़ितों की संख्या सौ से अधिक पहुंचती है।
डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में कमरा नम्बर 13 बुखार रोगियों के लिए ओपीडी बनायी गयी है। अस्पताल के निदेशक डा. हिम्मत सिंह दानू ने बताया कि पर्चा व दवा देने के लिए विचार-विमर्श चल रहा है, क्योंकि एक ही कमरे सभी व्यवस्थाएं करना संभव नहीं है। फिलहाल, जब तक पूरी व्यवस्था नहीं होती है तब तक बुखार पीड़ितों को भी पर्चा बनवाने के लिए सामान्य मरीजों की लाइन में लगाना होगा।
गोमतीनगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय की इमरजेंसी के सामने ट्रामा सेन्टर में बुखार के रोगियों की ओपीडी बनायी गयी है। पर्चा, इलाज आैर दवा की व्यवस्था की गयी है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एलएल भार्गव ने बताया कि इस नयी व्यवस्था की शुरुआत हो गयी, जब तक स्वाइन फ्लू व डेंगू के मरीज आते रहेंगे, इसलिए व्यवस्था को जारी रखा जाएगा।