लखनऊ । स्वाइन फ्लू से बच्चे में बड़ी संख्या पीड़ित हुए हैं। इसके मद्देनजर मुख्य चिकित्साधिकारी ने फ्लू से पीड़ित बच्चों की प्रतिदिन स्क्रीनिंग कराने जाने आैर एक सप्ताह का अवकाश बिना चिकित्साकीय प्रमारण पत्र के दिये जाने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है। पिछले कई दिनों से लगातार इन्फ्लुन्जा एएच1एन1 के मरीज चिह्नित किये जा रहे हैं। इस सीजन में अभी तक 40 से अधिक लोगों में स्वाइन फ्लू की जांच की गयी, इनमें इस सीजन में अब तक एक दर्जन से अधिक बच्चे में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। इनकी उम्र पांच से 14 साल के बीच है। स्वाइन फ्लू की चपेट में बच्चों का आना स्वास्थ्य विभाग के लिए हैरानी विषय बना है।
स्वास्थ्य विभाग की स्टेट लैब इसके कारण को जानने की कोशिश कर रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रतिदिन सुबह प्रत्येक कक्षा के शुरू के सत्र में अध्यापक द्वारा कक्षा में आए हुए सभी बच्चों की स्क्रीनिंग करायी जाए। यदि किसी बच्चे में फ्लू इन्फ्लुंजा, खांस, जुकाम के लक्षण दिखायी दें तो उनको तत्काल घर भेज कर एक सप्ताह या लक्षण ठीक होने तक विशेष अवकाश बिना चिकित्सा प्रमाण पत्र के दिये जाए, जिससे अन्य बच्चों में उपरोक्त लक्षणों से ग्रसित न हो।
यही नियम अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों पर भी लागू किया जाए। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. जीएस बाजपेई ने अनुसार मौसम में नमी के कारण स्वाइन फ्लू का एच1एन1 इन्फ्लूएंजा के वायरस सक्रिय रहते हैं। लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। जिन्हें फ्लू हो गया है, उनको भीड़-भाड़ वाले स्थान पर निकलने से परहेज करना चाहिए। लोगों से हाथ मिलाने से बचना चाहिए। बच्चे और बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं की तुलना में कम होती है, इसलिए बीमारी उन्हें आसानी से चपेट में ले लेती है।