निस्वार्थ भाव से सेवा ही परमोधर्म

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लखनऊ। चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एम एल बी भट्ट ने आज लायंस क्लब लखनऊ के सहयोग से कृत्रिम अंग एवं पुर्नवास विभाग में दिव्यागों को 30 कृत्रिम अंग आैर सहायक उपकरण प्रदान किया। कार्यक्रम में कुलपति डा एमएलबी भट्ट ने कहा कि निस्वार्थ भाव से सेवा ही परमोधर्म है। इसके लिए लोगों को आगे आना होगा। इसके दिव्यागों को बेहतर उपकरण मिल जाते है।

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कुलपति डा. भट्ट ने कहा कि लायंस क्लब इस कार्य को निस्वार्थ भाव से काम करता है। यह सराहनीय कार्य है। इस अवसर का विभाग प्रमुख डा. अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि अक्सर दिव्यागों को बेहतर कृत्रिम अंग मिल नहीं है। सहायक उपकरण भी उनके जीवन को नयी दिशा देते है। उन्होंने कहा कि इसके लिए निजी स्वंय सेवा करने वाले संस्थाओं को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके यहां कार्यशाला में बनाये जा रहे कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण भी बिना मुनाफा की कीमत पर मरीजों को दिये जाते है।

उनके यहां उच्चस्तरीय तकनीक से सहायक उपकरणों का निर्माण चल रहा है। कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ डाक्टर व लायंस क्लब के पदाधिकारी भी मौजूद थे। कृत्रिम अंग कार्यशाला के प्रबंधक अरविंद निगम भी मौजूद थे।

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