जरूरत वाले रोगियों को अगर चिकित्सा नहीं मिलती है तो उनमें बगैर इस विकार वाले रोगियों की तुलना में एक्यूट कोरेनरी सिंड्रोम का खतरा 2.7 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।” डेंटल रूट टिप संक्रमण को एपिकल पीरियडोंटाइटिस भी कहते हैं। यह दांत की जड़ के ऊपरी भाग के चारों ओर एक तेज संक्रमण होता है। इसका एक प्रमुख कारण दांतों में सड़न होता है।
मुंह का संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है –
इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने फिनलैंड के 508 रोगियों का अध्ययन किया था। इनकी औसत आयु 62 वर्ष थी। ये लोग अध्ययन के दौरान हृदय रोग से पीड़ित थे। इस शोध के अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि संक्रमित दांतों की रूट कैनाल चिकित्सा हृदय रोग के जोखिम को कम करने में प्रभावी हो सकती है। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि मुंह का संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है।