लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के चिकित्सा कालेजों और विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों व डाक्टरों की घटती संख्या को देखते हुए इनके रिटायमेंट की उम्र 70 वर्ष किया जा सकता है। इस पर गम्भीरता से विचार कर रही है आैर जल्द ही कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को डाक्टर की उम्र 70 वर्ष करने के मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतरीन व उच्चस्तरीय बनाने के लिए राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। तर्तमान में डाक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष है।
उन्होंने कहा कि अगर देखा जाए तो सरकारी आंकडों के मुताबिक राज्य के 12 मेडिकल कालेज में प्रोफेसरों के 365 पद रिक्त हैं। स्वीकृत पदों की संख्या 1745 के सापेक्ष 1380 प्रोफेसर ही कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि संविदा के आधार पर अवकाश ग्रहण कर चुके डाक्टरों की नियुक्ति पर भी विचार किया जा रहा है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टरों की उपलब्धता बढायी जा सकती है आैर विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी को भी किसी हद तक कम किया जा सकता है।