केजीएमयू
लखनऊ। यदि स्किन पर गांठ में दर्द नही हो रहा हैं। इसके साथ ही सख्त होने के साथ सूजन है, तो इसे नजरअंदाज न करना चाहिए। यह फंगस होने के कारण होने वाला गंभीर संक्रमण श्रेणी में आता है। ऐसे में त्वचा रोग विशेषज्ञ की परामर्श लेनी चाहिए , ताकि समय रहते इलाज किया जा सके है। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में त्वचा एवं यौन रोग विभाग प्रमुख डॉ. स्वस्तिका सुविर्या ने शुक्रवार को केजीएमयू के कलाम सेंटर में डीप माइकोसिस पर आयोजित कार्यशाला में कही।
डॉ. सुविर्या ने कहा कि डीप माइकोसिस फंगल के कारण होने वाली बीमारी है। इसमें मरीज को बिना दर्द के गांठ होती है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक न भरने वाला घाव हो सकता है। इसमें दाने या फुंसी से रिसाव आदि लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि फंगल संक्रमण त्वचा पर शुरू होकर शरीर के अंतरिक भाग तक पहुंच सकते हैं। इसके लिए समय पर इलाज से फंगल संक्रमण समाप्त किया जा सकता है। इलाज में लापरवाही हो भारी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले मरीजों को फंगल संक्रमण से अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। एचआईवी संक्रमित, कीमोथेरेपी या डायबिटीज के मरीजों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में डीन डॉ. वीरेंद्र आतम, डॉ. प्रशांत गुप्ता, डॉ. पारुल वर्मा, डॉ. दीपिका रावत मौजूद रहीं।












